7 बार प्रसव.. दो बार गर्भपात.. दर्जनों बार यातनाएं! ये जिंदगानी है राजस्थान के श्रीगंगानगर में रहने वाली एक महिला की, जिसके पति को बेटे की चाह ने इस कदर अंधा कर दिया कि वो अपनी ही बेटियों को मौत देने के लिए राजी हो गया. महिला के ससुराल वालों ने न सिर्फ उसे घरेलु हिंसा का शिकार बनाया, बल्कि उसके खुद के पति ने उसे गला दबाकर मारने की कोशिश की. फिलहाल मामला पुलिस तक पहुंच गया हैं....
दरअसल कुछ रोज पहले राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की रहने वाली एक महिला की शादी श्रीगंगानगर के युवक के साथ होती है. कुछ वक्त तक दोनों के सबकुछ ठीक चलता है, मगर जैसे ही उसके गर्भवती होने की खबर मिलती है, तो परिवार वाले उसपर लड़का पैदा करने का दबाव बनाने लगते हैं. 9 महीने के करीब उसका प्रसव होता है, मगर लड़की पैदा होती है. घर वाले इससे खूब नाराज होते हैं, उसे सीधे-सीधे तौर पर कई यातनाएं देते हैं.
लड़का नहीं तो मौत...
फिर कुछ रोज बाद उसके गर्भवती होने की खबर मिलती है. इस बार ससुराल वाले साफ-साफ लड़के की फ़रमाइश करते हैं, लिहाजा अब उस महिला पर और भी ज्यादा दबाव पड़ने लगता है. मगर फिर वही होता, जिसका डर था महिला दूसरा जन्म भी लड़की को देती है. यूं ही तीसरी, चौथी, पांचवी, छट्टी और सांतवी संतान भी बेटी ही पैदा होती है. इसी बीच महिला के ससुराल वाले उसके साथ घरेलु हिंसा करते हैं, प्रसव के दो-पांच दिन बाद ही मजदूरी कराते हैं, उसपर बैटा पैदा करने का दबाव बनाते हैं, दो बार उसका गर्भपात कराते हैं, लेकिन जब फिर भी लड़का पैदा नहीं होता, तो वो उसे घर से निकाल देते हैं.
बात यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि जब एक दिन पति महिला के पास पहुंचता है और उसे बहने से घर के बाहर बुला कर गला दबा कर मारने की कोशिश भी करता है. हालांकि उस वक्त मौजूद स्थानीय लोग महिला की जान बचा लेते हैं. ऐसे में महिला कानून का दरवाजा खटखटाती है, पूरा मामला तफ्सील से पुलिस के सामने बयान करती हैं. साथ ही पति और ससुराल वालों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराती है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
Source : News Nation Bureau