सुप्रीम कोर्ट ने दाती महाराज की उस याचिका की सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, जिसमें उसने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में दाती महाराज के खिलाफ रेप के मामलों की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से लेकर सीबीआई को दे दी थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव ने पिछले दिनों दाती महाराज के खिलाफ पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए रेप के मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी. मामला तब प्रकाश में आया था, जब पीड़िता ने दिल्ली के शनिधाम न्यास के संस्थापक के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था.
दिल्ली पुलिस ने एक अक्टूबर को दाती महाराज व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. अदालत ने कहा कि सीबीआई एक अनुपूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती है. अदालत ने एजेंसी को तीन सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
पूछताछ के लिए पेश हुए थे दाती महाराज
रेप के मामले में पूछताछ के लिए दाती महाराज आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए थे. उनसे 7 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ हुई. क्राइम ब्रांच ने उनसे पीड़िता के आरोपों से संबंधित सवाल पूछे.