उत्तर प्रदेश के मुज्जफ्फरनगर में दहेज़ के लिए पति और ससुराल वालों ने महिला की पीट-पीट कर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि जिले के बुढ़ाना में यह घटना हुई है।
पुलिस ने यह भी बताया कि मरने वाली महिला के पिता की शिकायत के आधार पर 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है उसमें महिला का पति, ससुर और सास भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
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दहेज के लिए हत्या पर क्या है सजा-
आईपीसी की धारा 304बी में यह प्रावधान है कि दहेज के लिए हत्या का मामला साबित होने पर कम से कम सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक दी जा सकती है। कानून के मुताबिक, अगर शादी के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में लड़की की मौत होती है और मौत से पहले दहेज प्रताड़ना का आरोप साबित हो जाता है तो महिला के पति और रिश्तेदारों को ये सजा हो सकती है।
दहेज मांगने पर मिलती है ये सजा
- आईपीसी की धारा 498-ए दहेज के लिए उत्पीड़न से जुड़ी है। इसमें महिला के पति और उसके रिश्तेदारों की ओर से दहेज की मांग पर सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न राज्यों से साल 2014 में दहेज हत्या के 8,455 मामले सामने आए है। केंद्र सरकार की ओर से जुलाई 2015 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन सालों में देश में दहेज संबंधी कारणों से मौत का आंकड़ा 24,771 था। जिनमें से 7,048 मामले सिर्फ उत्तर प्रदेश से थे।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक पिछले तीन वर्षों (वर्ष 2012 से वर्ष 2014 तक) में आठ लाख से भी ज्यादा मामले धारा 304 बी के तहत दर्ज हुए। 3.48 लाख मामले पति और उनके परिवार द्वारा घरेलू हिंसा के दर्ज हुए हैं।
घरेलू हिंसा में सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल (61,259) में, फिर राजस्थान (44,311) और फिर आंध्र प्रदेश (34,835) में आते हैं। वहीं दहेज प्रथा के कारण हुई मौतों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। प्रदेश में 7,048 मौत हुई जबकि बिहार में 3,830 और मध्य प्रदेश में 2,252 दहेज हत्या हुई है।
तो इस तरह कानून बनने के बाद भी हमारे देश से दहेज नाम की कुप्रथा खत्म नहीं हो पाई है और न ही इससे जुड़ी हत्याएं थम पाई है।
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Source : News Nation Bureau