राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर जिले में एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार की सुबह एक खेत में मृत पाए गए थे. पुलिस को मौके से मिले कुछ सामान से ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इन शरणार्थियों को जहर का इंजेक्शन देकर मारा गया था. हालांकि पुलिस इस बात की जांच की जा रही है कि यह खुदकुशी है या कुछ और मामला है. अधिकारियों का कहना है कि हम अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह खुदकुशी (Suicide) थी, दुर्घटनावश हुई मौत या कुछ और.
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मगर पुलिस को मौके से जो सामान बरामद हुआ है उससे साफ तौर पर यही अंदेशा जताया जा रहा है कि इन शरणार्थियों को जहर दिया गया था. पुलिस को घटनास्थल से कीटनाशक का आधा इस्तेमाल हुआ कनस्तर और कुछ शीशियां झोपड़ी के अंदर से बरामद हुई हैं. पुलिस को मौके से एक नोट भी मिला है और लिखावट का सत्यापन किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शरणार्थियों की मौत की वजह का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.
पुलिस के अनुसार, भील समुदाय से जुड़े परिवार के सभी सदस्य पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी थे और गांव में खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेतीबाड़ी के लिए छह महीने पहले बटाई पर लिया था. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले ये लोग दीर्घकालिक वीजा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे. मृतकों में पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि परिवार का एक सदस्य देचु इलाके के लोडता गांव में उस झोपड़ी के बाहर जिंदा मिला जहां ये लोग रहते थे. यह इलाका जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है.
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इस बीच परिवार के जीवित बचे सदस्य केवल राम (35) ने अपनी पत्नी के परिवार वालों के खिलाफ शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि यह खुदकुशी का नहीं हत्या का मामला है. इसकी पुष्टि करते हुए एसपी ने कहा कि विवाद की वजह से बीते कुछ समय से उसकी पत्नी परिवार के साथ नहीं रह रही थी. उन्होंने कहा कि केवल राम की पत्नी कथित तौर पर बच्चों को अपने साथ रखने के लिये उस पर दबाव डाल रही थी. अधिकारी ने कहा कि इस मामले में खुद बच जाने और बयान बदलने की वजह से केवल राम भी संदिग्ध है.
केवल राम के मुताबिक, उन्होंने शनिवार रात नौ से 10 बजे के बीच खाना खाया और सोने चले गए. उसने बताया, 'मैं जानवरों से फसल की रखवाली के लिये चला गया और वहीं सो गया था. सुबह जब वह लौटा तो परिवार के सभी सदस्यों को मृत पाया.' घटना को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए केवल राम ने कहा, 'मैंने फिर अपने रिश्तेदार को फोन किया जो कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी.'
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मृतकों की पहचान बुधराम (75), उनकी पत्नी अंतरा देवी, बेटे रवि (31), बेटी जिया (25) और सुमन (22), पौत्रों मुकदस (17) और नैन (12) के अलावा लक्ष्मी (40) और केवल राम के तीन नाबालिग बेटों के तौर पर हुई है. शवों को पोस्टमार्टम के लिये जोधपुर भेजा गया है और मौत की वजह जानने के लिये चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है.