दिल्ली के रोहिणी स्थित 'आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी' के संचालक के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक युवती की शिकायत के बाद बलात्कार का केस दर्ज किया है।
पीड़िता के मुताबिक उससे साल 2000 में आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के संचालक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित ने बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। इसके अलावा राजस्थान के झुंझुनूं की एक युवती को भी जबरदस्ती आश्रम में रखने का आरोप लगा है।
हालांकि, राजस्थावी की युवती ने पुलिस और अपने परिवार वालों को बताया है कि वो यहां अपनी मर्ज़ी से रहना चाहती है।
दरअसल तीन दिन पहले यह युवती झुंझुनूं से घर वालों को बिना बताएं दिल्ली के इस आश्रम आ गयी थी। घर वाले तलाश करते हुए दिल्ली में पहुंचे। यहां आश्रम में काफी देर तक उनकों युवती से मिलने नही दिया गया।
काफी देर बार कई लोगों की मौजूदगी में उसे परिवार से मिलाया गया तब उसने अपनी मर्ज़ी से आश्रम में रहने की बात कही। लेकिन परिवार वालों का आरोप है कि उससे ज़बरदस्ती यह बयान दिलवाया गया।
आश्रम के अंदर उसका ब्रेन वाश किया जा रहा है। उसे वापस ले जाने के लिए परिवार वाले लगातार आश्रम के बाहर ही डटे हैं। स्थानीय लोग भी परिवार के समर्थन में आ गए हैं। सबका यही आरोप है कि अंदर लड़कियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है।
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इसी बीच एक ऐसी युवती सामने आई जिसने बताया कि वह इस आश्रम में रह चुकी और उसको वहां हर तरह से प्रताड़ित किया और उसके साथ साल 2000 में बलात्कार भी किया गया। इस वारदात की किसी और ने नहीं बल्कि आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी के संचालक वीरेन्द्र देव दीक्षित ने अंजाम दिया था।
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि आश्रम में रहने वाली लगभग तमाम लड़कियों के साथ रेप हो चुका है। आश्रम में पुरुष भी रहते हैं लेकिन किसी को भी अकेले में एक दूसरे से बात नही करने दिया जाता है।
इस लड़की का कहना है कि उसने अपनी आपबीती अपने घरवालों को भी बताई लेकिन किसी ने उसका विश्वास नही किया। वो तो आश्रम के चंगुल से निकल गई लेकिन उसकी छोटी बहन अभी भी वही है।
इसी लड़की की शिकायत पर रविवार शाम को पुलिस ने संचालक के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया है और मामले की जांच डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट को सौंप दी हई है।
आश्रम को चलाने वाला बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सिद्धांतो पर अपने आश्रम को चलाने का दावा करता है।
इस पर ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मीडिया प्रमुख ने बताया कि कई साल पहले वीरेंद्र देव दीक्षित ने उनके संस्थान से 7 दिन का एक कोर्स किया था लेकिन उसके बाद से उसका इस संस्थान से कोई लेना देना नही है। उसने अपना अलग आश्रम खोला था। साल 1998 में फर्रुखाबाद में वीरेंद्र देव दीक्षित पर रेप का आरोप लगा था और उस वक़्त उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
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Source : Rizwan Arif