Indian banks faced an outage : लगभग 300 भारतीय बैंकों ने एक रैनसमवेयर (ransomware) हमले के कारण आउटेज का सामना किए. इस हमले ने बैंकिंग सिस्टम को काफी ज्यादा प्रभावित किया, जिसके चलते लेन-देन में रुकावट आई. वहीं सुरक्षा अधिकारियों ने स्थिति को कंट्रोल करने और नुकसान को कम करने के लिए लगातार इस पर काम किया.
इसे पढ़ें: iPhone 16 सीरीज ब्लैक और व्हाइट कलर ऑप्शन में होगी लॉन्च, हुआ खुलासा
बता दें कि एक रैनसमवेयर हमले के कारण लगभग 300 भारतीय बैंकों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा, जिससे कई यूजर्स को UPI, IMPS, NEFT और RTGS में पेमेंट करने में यूजर्स दिक्कते आई. हालांकि, इस रैनसमवेयर हमले से केवल सहकारी और क्षेत्रीय बैंक प्रभावित हुए, जो सीधे इन बैंकों की सेवा प्रदाता कंपनी C-Edge Technologies को निशाना बनाया गया है.
बुधवार को हुआ हमला
रैनसमवेयर ने बुधवार को C-Edge Technologies पर हमला कर दिया, जिससे उसकी बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच असंभव हो गई और 300 से ज्यादा बैंकों की बैंकिंग सर्विस ठप हो गईं. C-Edge Technologies एक मुंबई स्थित कंपनी है जो कई सहकारी और क्षेत्रीय बैंकों को ऑनलाइन बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर करने में मदद करती है. बुधवार के रैनसमवेयर हमले के कारण NEFT, RTGS, IMPS और UPI जैसी ऑनलाइन बैंकिंग सर्विस में आउटेज का सामना करना पड़ा.
इसे पढ़ें:Google Pixel 9 में होगा 8K वीडियो रिकॉर्डिंग सपोर्ट, मिलेगी बेहतर क्वालिटी
एक स्रोत ने बताया कि "इनमें से अधिकांश छोटे बैंक हैं और देश के भुगतान प्रणाली के वॉल्यूम का केवल लगभग 0.5 % प्रभावित होगा. भारत में लगभग 1,500 सहकारी और क्षेत्रीय बैंक हैं, जिनकी अधिकांश गतिविधियां बड़े शहरों के बाहर होती हैं. ये वही बैंक हैं जो प्रभावित हुए हैं.
रिटेल पेमेंट इकोसिस्टम से अलग
NPCI ने बताया कि C-Edge Technologies को अस्थायी रूप से रिटेल पेमेंट इकोसिस्टम से अलग कर दिया. इसके परिणामस्वरूप, उन बैंकों की ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं भी बंद हो गई जिनका इस मुद्दे से कोई सीधा संबंध नहीं था.
C-Edge Technologies Ltd में आई दिक्कत
"NPCI को सूचित किया गया है कि C-Edge Technologies Ltd, एक तकनीकी सेवा प्रदाता है जो सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सेवाएं प्रदान करती है, जो रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुए है. भुगतान इकोसिस्टम पर बड़े प्रभाव को रोकने के लिए, NPCI ने अस्थायी रूप से C-Edge Technologies को NPCI पर बेस्ड रिटेल पेमेंट सिस्टम्स से अलग कर दिया है. C-Edge द्वारा सेवाएं प्राप्त करने वाले बैंकों के ग्राहक इस अवधि के दौरान भुगतान सिस्टम्स तक पहुंच नहीं प्राप्त कर सकेंगे.