कानपुर में ऑक्सीजन थेरेपी के जरिए 65 वर्ष के बुजुर्ग को 25 साल का जवान बनाने का झांसा दे कर 35 करोड़ रुपये ठगने के मामले में अब मशीन बनाने वाला सामने आया है. इजरायल की बताई जाने वाली मशीन शहर में ही बनवाई गई थी और इसके लिए 40 लाख रुपये की बात तय हुई थी. मशीन बनाने वाले इंजीनियर का दावा है कि उसे मशीन बनाने में करीब छह माह का समय लगा था. वह शहर और अन्य जिलों के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाता है. जिम संचालक राजीव दुबे और उनकी पत्नी रश्मि दुबे ने दो साल पहले रिवाइवल वर्ल्ड संस्था का ऑफिस खोला था.
वायु इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म चलाने वाले इंजीनियर से 40 लाख रुपये में मशीन बनाने की बात तय हुई थी. उसने तमाम रिसर्च करने के बाद हाइपरबेरिक आक्सीजन थेरेपी मशीन बनाने का काम शुरू किया और उसे आधा तैयार कर दिया. इसके बाद राजीव और रश्मि ने उसकी बकाया रकम नहीं दी तो उसने मशीन नहीं बनाई. जिस पर राजीव ने किसी और वेंडर से आनन फानन में मशीन बनवाकर उसे रिवाइवल पर केंद्र में रख दिया. जिसके लिए कोई सर्टिफिकेशन नहीं लिया गया और लोगों को थेरेपी दी जाने लगी. जिसके चलते कई लोगों को नुकसान भी हुआ. मशीन बनाने वाले इंजीनियर का अभी भी 28.5 लाख रुपये बाकी हैं.
6 सदस्यीय एसआईटी गठित की
पुलिस के अनुसार, जब जांच शुरू की तो दुबे दंपती के बैंक खाते तलाशे गए. किदवई नगर के थाना इंचार्ज बहादुर सिंह के साथ पुलिस कमिश्नर ने छह 6 सदस्यीय एसआईटी गठित की. जांच में सामने आया कि दुबे दंपती के स्टेट बैंक और इंडसइंड बैंक में 6 खाते मिले. मगर सामने आया कि उनके इन 6 खातों में कुल ₹600 ही जमा हुए है. एक खाते में खाते तो ₹70 ही जमा हैं. बैंक के मिनिमम जमा अकाउंट से भी काफी कम हैं. ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरोपियों ने कहीं और पैसा भी लगाया है.