एक कॉल आएगी और कॉल पर बताया जाएगा कि मैं एक अधिकारी, पुलिसकर्मी, या सीबीआई ऑफिसर हूं. आपसे कहा जाएगा कि आपने फर्जी काम या क्राइम किया है, उस फर्जी काम या क्राइम को ऐसे समझाया जाएगा कि लगेगा जैसे आपने सच में क्राइम किया है. कॉल पर बात करने वाला व्यक्ति आपको विश्वास दिला देगा कि आपने अपराध किया है और कुछ ही समय में आप पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिये जायेंगे.
जैसा कि चंडीगढ़ में रहने वाले हरिनाथ के साथ हुआ और उन्होंने एक ही झटके में अपनी सारी संपत्ति खो दी. हरिनाथ को करीब 22 दिनों तक डिजिटली गिरफ्तार करके रखा गया और इस दौरान उनसे लाखों रुपये लूट लिये गये. तो आज इस खबर में हम जानेंगे कि डिजिटल अरेस्ट क्या है और स्कैमर्स कैसे लोगों को निशाना बनाते हैं?
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
देखिए, यह ऑनलाइन स्कैम का एक नया मॉड्यूल है, जिसमें कुछ लोग पुलिस अधिकारी या सीबीआई अधिकारी होने का दावा करते हैं, जो वास्तव में नहीं होते हैं. ये स्कैमर्स हर समय व्यक्ति की हरकतों पर नजर रखते हैं, आप दिन भर क्या करते हैं और किससे बात करते हैं, इस पर नजर रखते हैं. वे ये सारी जानकारी मांगते हैं.
एक तरह से वे इस तरह से गिरफ्तार कर लेते हैं कि आपको उनके निर्देशों के अनुसार काम करना पड़ता है. इस दौरान गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं. वे कहते हैं, हम जो कुछ भी आपको बता रहे हैं, वो बातें आपको अपने तक ही रखनी होंगी. यानी व्यक्ति को उस अनजान शख्स के बारे में जानता तक नहीं है और वह उनके इशारों पर नाचने लगता है.
हरिनाथ कैसे हुए डिजिटली अरेस्ट?
हरिनाथ ने बताया कि रात करीब 12 बजे उनके पास एक कॉल आई, जिसमें एक लड़की ने बताया कि वह एक टेलीकॉम कंपनी से बात कर रही है. युवती ने बताया कि दो घंटे बाद आपका फोन बंद हो जाएगा. लड़की आगे कहती है कि आपके आधार कार्ड पर मुंबई में एक मोबाइल सिम जारी किया गया था और इस सिम कार्ड के खिलाफ सात घोटाले की शिकायतें और एक एफआईआर दर्ज की गई है. इस पर हरिनाथ ने कहा कि मैं मुंबई में रहने वाले किसी व्यक्ति को जानता तक नहीं हूं.
आप बहुत बड़ा धोखा कर रहे हैं
इसके बाद लड़की एक पुलिस अधिकारी से बात करवाती है, हरिनाथ ने बताया कि जैसे ही पुलिसवाले ने बात शुरू की, उसने मुझे धमकी देना शुरू कर दिया. अरे, तुमने क्या किया? आप बहुत बड़ा धोखा कर रहे हैं. नरेश गोयल नाम के व्यक्ति के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी हुई है और आपके नाम पर एक बैंक खाता खोला गया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसमें आपको 10 प्रतिशत हिस्सा मिला है. इस तरह कहानी बनाकर फर्जी पुलिस अधिकारी ने हरिनाथ को फंसा लिया. इसके बाद हरिनाथ को जांच के लिए मुंबई बुलाने के लिए कहा गया लेकिन हरिनाथ ने मना कर दिया.
50 लाख से अधिक की होती है लूट
तो इस पर स्कैमर्स ने कहा कि अगर आप मुंबई नहीं आ सकते तो आपको पूरा दिन वीडियो कॉल पर रहना होगा, हम आपकी ऑनलाइन जांच करेंगे और हां आपको इस बारे में किसी को बताना नहीं होगा. इस जांच के दौरान अलग-अलग मामलों का हवाला देकर हरिनाथ से पैसे लिए जाते हैं. जांच के नाम पर हरिनाथ ने उसे 50 लाख रुपये से अधिक दिए. पैसे चुकाने के लिए उन्होंने अपना घर और कार बेच दी. वह करीब 22 दिनों तक उनकी हिरासत में रहे.
देखिए हमारा मकसद है कि अगर आपके पास ऐसी कोई कॉल आए तो आप तुरंत पुलिस को सूचना दें ताकि ऐसी स्थिति आपके साथ न हो.
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