गाजियाबाद दिल्ली एनसीआर में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद की राजबाग कॉलोनी की रहने वाली मनिका गुप्ता के साथ देखने को मिला. जहां पर साइबर ठगों ने उनको 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा. इसके बाद उनके अकाउंट पर बैंक से लोन लिया गया है. जिसके बाद उनके खाते में 9 लाख 91 हजार रुपए आते हैं. इसके बाद ये अमाउंट अलग अकाउंट में ले लिए गए.
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जेल भेजने की बात भी कही जाती है
अब आपको बताते हैं कि मनिका गुप्ता को कैसे डिजिटल अरेस्ट किया गया? दरअसल मनिका गुप्ता को पहले एक कॉल आता है. इसमें यह कहा जाता है कि उनके नाम का एक कोरियर है जिसमें ड्रग्स पाया गया है. उनकी कॉल को मुंबई पुलिस के पास ट्रांसफर किया जा रहा है. फिर मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर एक व्यक्ति उनसे बातचीत करता है. यहां तक की वीडियो कॉल पर लिया जाता है. उनसे कॉर्पोरेट करने के लिए कहा जाता है नहीं तो फिर जेल भेजने की बात भी कही जाती है.
अमाउंट ट्रांसफर किया जाएगा
ऐसे में महिला डर जाती है. ऑनलाइन जुड़ते हुए जो दस्तावेज साइबर ठग उनसे मांगते हैं, वह सब दे दिए जाते हैं जिसके बाद साइबर ठग उनसे कहते हैं कि उनके खाते में कुछ अमाउंट ट्रांसफर किया जाएगा. बाद में उसे अमाउंट को जिस अकाउंट में कहा जाए उसमें ट्रांसफर कर देना है.
अलग-अलग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं
उन्हें कुछ नहीं होगा यह भरोसा दिलाया जाता है. कुछ देर बाद मल्लिका गुप्ता के अकाउंट में 991000 की रकम पहुंचती है. जिसे साइबर ठग अलग-अलग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं और बाद में डिस्कनेक्ट हो जाते हैं. साइबर ठगी की इस घटना का पता मनिका गुप्ता को तब चलता है जब वह बैंक जाती है. उसके बाद मनिका गुप्ता की ओर से गाजियाबाद के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अंदर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराती है.