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समोसे वाला बनेगा डॉक्टर, NEET-UG 2024 की परीक्षा पास कर सबको चौंकाया

नोएडा में 20 साल के समोसे बेचने वाले सनी कुमार की अथक मेहनत रंग लाई. परीक्षा  में सफल होकर रचा इतिहास

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Mohit Saxena
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सनी

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सबसे बड़ी मेडिकल परीक्षा नीट-यूजी (NEET-UG) में सफलता पाना आसान नहीं है. इस परीक्षा के लिए दिन रात लगने के बाद भी कई छात्र इसे पास नहीं कर पाते हैं. मगर नोएडा में 20 साल के समोसे बेचने वाले सनी कुमार ने परीक्षा में सफल होकर इतिहास रच दिया है. नोएडा के सेक्टर 12 में अपने समोसे की स्टॉल पर घटों काम करने सनी ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा में 720 में से 664 अंक हासिल किए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी उनकी कहानी ने देश भर में कई लोगों को प्रेरणा दी है. 

काम के साथ पढ़ाई को किया मैनेज

डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले सनी को यह परीक्षा पास करने के लिए कड़े अनुशासन का पालन करना पड़ा. वह अपनी पढ़ाई का खर्च समोसे के ठेले से उठाते हैं. हर शाम वह नोएडा सेक्टर 12 में चार से पांच घंटे समोसे बेचते हैं. वह मेडिकल फील्ड में अपनी जिज्ञासा के बारे में कहते हैं, "दवाइयों को देखकर उन्हें इस क्षेत्र में दिलचस्पी बढ़ी. लोग ठीक कैसे होते हैं ये समझने के लिए 10वीं के बाद बायोलॉजी को पढ़ना शुरू किया."

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सनी के अनुसार, उन्हें कई बार दिन में काम की वजह से पढ़ाई करने का मौका नहीं मिलता था, तो वह रात में पढ़ाई किया करते थे. मीडिया से बातचीत में सनी के बड़े   भाई सागर बातते हैं ​कि वह कई बार रात में जागकर पढ़ाई किया करते थे. इस मेहनत  के बलबूते ही सनी ने नीट—यूजी परीक्षा में 16,316 रैंक मिली. अब वह काउंसिलिंग के लिए उत्तर प्रदेश के बहराइच रवाना होने वाले हैं. 

स्कॉलरशिप की पेशकश

सनी 11वीं कक्षा से ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म फिजिक्स वाला (Physics Wallah) से पढ़ाई कर रहे हैं. फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडे ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर सनी सामने लेकर आए. एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पांडे सनी के किराए के कमरे में गए हैं. यहां दीवारें नोट्स और स्टडी मटेरियल से भरी पड़ी हैं. यहां पर उन्होंने उनके समोसे का आनंद लिया और सनी को छह लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी. 

बचपन चुनौती से भरा पड़ा

सनी का जीवन बचपन से चुनौती भरा रहा. उनकी मां दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करती है. वह दूसरों के घर में खाना बनाने का काम करती है. उनका बड़ा भाई घर का खर्च चलाता है. इन कठिनाइयों के बाद सनी ने हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता दी है. उनकी दुकान को कई बार तोड़ा गया. बाद में उन्होंने समोसे की दुकान चलाकर घर का और पढ़ाई का खर्च निकाला. सनी का कहना है कि वे सारी रात पढ़ाई किया करते थे. सुबह आंखों में दर्द होता था. मगर डॉक्टर बनने का जनून था. बाद में उनकी मेहनत रंग लाई. 

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