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भागलपुर की अलंकृता मिश्रा ने गूगल में 60 लाख रुपये का पैकेज पर हासिल की नौकरी, परिवार और क्षेत्र का मान बढ़ाया

बिहार की रहने वाली अलंकृता मिश्रा ने अपने शानदार प्रदर्शन से एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी, गूगल ने नवगछिया की इस बेटी को 60 लाख रुपये सालाना के आकर्षक पैकेज पर नियुक्त किया है.

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Priya Gupta
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Bhagalpur Alankrita Mishra

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Alankrita Mishra: बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया में रहने वाली अलंकृता मिश्रा ने अपने शानदार प्रदर्शन से एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी, गूगल ने नवगछिया की इस बेटी को 60 लाख रुपये सालाना के आकर्षक पैकेज पर नियुक्त किया है. इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार को गर्व महसूस हो रहा है, बल्कि पूरा नवगछिया क्षेत्र भी उनकी सफलता पर खुशी से झूम उठा है. अलंकृता मिश्रा, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, का पैतृक घर नवगछिया के सिमरा गांव में है. गंगा पार दियरा की निवासी अलंकृता ने अपनी शिक्षा और करियर की यात्रा में बेंगलुरु की कई प्रमुख कंपनियों में काम किया है. 

उनके पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं

उन्होंने विप्रो, अर्न्स्ट एंड यंग और सैमसंग हार्मन जैसी कंपनियों में अपनी सेवाएं दी हैं. इन कंपनियों में काम करते हुए अलंकृता ने उत्कृष्टता का परिचय दिया, जो अंततः गूगल में उनके चयन का कारण बनी. अलंकृता के परिवार का कहना है कि गूगल में शामिल होने से पहले उन्होंने बेंगलुरु में विप्रो में दो साल, अर्न्स्ट एंड यंग में एक साल और सैमसंग हार्मन में एक साल काम किया. इन अनुभवों ने उनकी क्षमताओं को परखा और विकसित किया, जिससे उनका चयन गूगल में हुआ. उनका परिवार वर्तमान में झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरी तलैया में निवास करता है. उनके पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि उनकी मां रेखा मिश्रा एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं.


अलंकृता के ससुर, राजीव नयन चौधरी, कटिहार जिले के कुर्सेला थाना क्षेत्र के पोठिया गांव के निवासी हैं और नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. राजीव नयन चौधरी ने बताया कि अलंकृता का बचपन झारखंड के कोडरमा में बीता और वहीं से उनकी प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई. उन्होंने कोडरमा से 10वीं, जवाहर नवोदय विद्यालय कोडरमा से 12वीं और फिर हजारीबाग से बीटेक की डिग्री प्राप्त की. अलंकृता की शादी पिछले साल दिसंबर में मनीष कुमार से हुई थी, जो बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं. उनके एक बेटे भी हैं, इस जोड़े के लिए यह अवसर विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह उनके करियर में एक नई ऊंचाई को दर्शाता है.

घर का मनाया शान

गूगल में चयन के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है. यह खुशी का विषय है कि अलंकृता को गूगल जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनी में 60 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर काम करने का मौका मिला है. परिजनों का कहना है कि यह गर्व और हर्ष की बात है कि उनकी बेटी और बहू गूगल में काम कर रही है. अलंकृता उन सभी लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं जो आत्मनिर्भर बनकर परिवार और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. इस उपलब्धि से अलंकृता ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष को प्राप्त किया जा सकता है. उनकी सफलता उन सभी के लिए प्रेरणा का एक  उदाहरण है जो अपने सपनों को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

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