भारती कॉलेज ने 20 सितंबर 2024 यानि बीते शुक्रवार को अपना 53वां वार्षिक दिवस मनाया. यह शैक्षणिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक उपलब्धियों का एक और शानदार वर्ष था. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉक्टर जगदीश मुखी, असम और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और विशिष्ट अतिथि कमलजीत सेहरावत, पश्चिमी दिल्ली से सांसद सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई. इसके बाद सरस्वती वंदना की प्रस्तुति हुई. इसमें भारती कॉलेज की सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया गया.
भारती कॉलेज की अध्यक्ष प्रोफेसर कविता शर्मा ने अपने संबोधन में प्रोफेसर मुखी के अनुकरणीय गुणों की प्रशंसा की और समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने डॉ.मुखी के भारती कॉलेज के साथ विशेष संबंध पर भी विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि 26 साल पहले इसी दिन उन्होंने कॉलेज भवन का उद्घाटन किया था. कमलजीत सेहरावत ने अपने भाषण में छात्रों को उनके लिए उपलब्ध विविध कैरियर पथों के बारे में जागरूक होने के लिए प्रेरित किया.
भारत की प्रगति की दिशा में काम करने का आग्रह किया
कमलजीत सेहरावत ने 2047 के लिए एक दृष्टिकोण के साथ भारत की प्रगति की दिशा में काम करने का आग्रह किया. व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने, अपने भविष्य की जिम्मेदारी लेने पर जोर दिया. डॉ.जगदीश मुखी ने अपने जीवन के किस्से सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. असफलता और सफलता के क्षणों को साझा किया. छात्रों को दृढ़ता के साथ चुनौतियों पर काबू पाने के लिए प्रोत्साहित किया.
भारती कॉलेज की कई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला
इस दौरान प्राचार्या प्रो.सलोनी गुप्ता ने वार्षिक कॉलेज रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसमें उन्होंने पिछले वर्ष में भारती कॉलेज की कई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. इस दौरान भारत और रूस के बीच जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का सौभाग्य, साथ ही शैक्षणिक और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों दोनों में इसके पूर्व छात्रों की प्रभावशाली उपलब्धियां शामिल हैं. उन्होंने शैक्षणिक और शोध गतिविधियों में संकाय सदस्यों की ओर से किए गए अहम योगदान का भी उल्लेख किया.
शिक्षकों को खास सम्मान दिया गया
इस बीच एक कॉलेज पत्रिका का अनावरण किया गया. इसमें भारती कॉलेज के छात्रों की साहित्यिक और कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित किया गया. इसके बाद पुरस्कार वितरण समारोह हुआ. इसमें मेधावी छात्रों को पुरस्कृत किया गया. साथ ही बीते 25 वर्षों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को खास सम्मान दिया गया. कार्यक्रम का समापन एक जीवंत सांस्कृतिक समारोह के साथ हुआ. इसमें कॉलेज की समृद्ध कलात्मक विविधता को प्रदर्शित किया गया.