कोरोना महामारी के दौर में जहां केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (आईसीएसई) बोर्ड समेत कई राज्य सरकारें 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर चुकी हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ में 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. राज्य में एक जून से परीक्षाएं शुरू हुई हैं, जो 10 जून तक चलेंगी. 12वीं की परीक्षा में प्रदेशभर से 2 लाख 83 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे. छत्तीसगढ़ सरकार महामारी के वक्त में अलग तरीके से परीक्षा कर रही है, जिसके तहत परीक्षार्थी अपने घर पर बैठकर पर्चा हल करेंगे.
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दरअसल, 12वीं के छात्रों की परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने अनूठा कदम उठाया है. छात्र स्कूल से पेपर ले जाकर उन्हें घर हल करेंगे और फिर तय समय के अनुसार आंसर सीट स्कूल में जमा करेंगे. छात्रों को एक साथ सभी विषयों के प्रश्न पत्र और आंसर सीट दी जा रही हैं. 1 जून से छात्रों को प्रश्न पत्र और आंसर सीट मिलनी शुरू हो गई हैं, जिन्हें सिर्फ 5 जून तक ही ले सकते हैं. प्रश्नपत्र और उत्तर-पुस्तिका का वितरण स्कूलों में हो रहा है. यानी छात्र जिस स्कूल में पढ़ते हैं, उस स्कूल से प्रश्न पत्र और आंसर ले सकते हैं. स्कूलों में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक छात्र परीक्षा सामग्री ले सकते हैं.
इसके लिए छात्रों को खुद स्कूल आकर उपस्थिति दर्ज करानी होगी और आंसर सीट जमा करते वक्त भी उपस्थित रहना होगा. हालांकि कोरोना संक्रमित छात्र अपनी जगह प्रतिनिधि यानी स्वजनों को केंद्र भेजकर परीक्षा सामग्री मंगवा सकते हैं. बशर्तें उन्हें प्रवेश पत्र, संक्रमित होने का प्रमाण पत्र और आधार कार्ड या अन्य फोटो वाले पहचान पत्र की छायाप्रति दिखानी होगी. इसके बाद 5 दिनों के अंदर आंसर सीट जमा करनी होगी. बता दें कि सिर्फ 10 जून तक स्कूलों में उत्तर-पुस्तिका जमा कर सकेंगे. 10 जून तक स्कूलों में उत्तर-पुस्तिका जमा कर सकेंगे.
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के बीच इस साल अभी सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही बोर्ड परीक्षाएं ली जा रही हैं. जबकि सीबीएसई और आईसीएसई के बाद कई राज्य सरकारें भी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर चुकी हैं. अब तक हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान और गोवा में बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किया गया है. तमिलनाडु सरकार भी इस पर विचार कर रही है.