योग एक प्राचीन और प्रमुख ध्यान एवं व्यायाम प्रणाली है जो मानव शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करती है. योग का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने, स्थिरता और समता को बढ़ाने, तनाव को कम करने, और आत्मा को संतुलित करने में मदद करता है. परीक्षा के समय बच्चों को प्राणायाम योग करना चाहिए, जैसे कि अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, शीतली और शीत्कारक प्राणायाम. इन प्राणायामों को नियमित रूप से करने से बच्चों को ये लाभ मिलते हैं.
तनाव कम करना: प्राणायाम योग बच्चों को तनाव से छुटकारा दिलाता है और मानसिक शांति का अनुभव करने में मदद करता है.
मानसिक शांति: योग बच्चों को मानसिक शांति प्रदान करता है और उन्हें ध्यान में लाने में मदद करता है, जिससे उनकी पढ़ाई में संरचना और समय प्रबंधन में सुधार होता है.
ध्यान और अच्छा नींद: योग बच्चों को अच्छा नींद आने में मदद करता है और उनकी सोचने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे वे परीक्षा की तैयारी में अधिक उत्साहित रहते हैं.
स्वस्थ शारीरिक विकास: प्राणायाम योग से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है, जिससे उनकी उत्सुकता और परिश्रम बढ़ती है.
संयंत्र क्षमता: योग करने से बच्चों की संयंत्र क्षमता में वृद्धि होती है, जो उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें परीक्षा में अधिक सफल बनाता है.
शारीरिक स्वास्थ्य: योग आसनों और प्राणायाम के माध्यम से शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है. यह हड्डियों, मांसपेशियों, और अंगों को मजबूत और लचीला बनाता है.
मानसिक स्वास्थ्य: योग मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है, और चिंता, तनाव, और उदासी को कम करता है. यह मानसिक समता और आत्म जागरूकता को बढ़ाता है.
आध्यात्मिक विकास: योग आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है, और आत्मज्ञान, शांति, और संयम को विकसित करता है.
व्यक्तिगत विकास: योग व्यक्तिगत विकास में मदद करता है, और स्वयं को बेहतर तरीके से संचालित करने में सहायक होता है.
इस प्रकार, परीक्षा के समय बच्चों को प्राणायाम योग करने से उन्हें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर उन्नति होती है और उनकी परीक्षा में अधिक सफलता मिलती है.
Source : News Nation Bureau