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तमिलनाडु में कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर फैसला लंबित

राज्य सरकार शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शिक्षाविदों और अन्य संबंधित लोगों की ऑनलाइन बैठक करेगी.

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Ritika Shree
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Tamil Nadu government

Tamil Nadu government( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि उसने अभी तक कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं पर कोई निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि राज्य में कुछ शिक्षक और अभिभावकों की परीक्षा के आयोजन पर अलग-अलग राय है. अधिकांश शिक्षक परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं, जबकि माता-पिता के एक वर्ग ने इस तरह के विचारधारा का विरोध किया है. शिक्षा विभाग के निदेर्शानुसार राज्य के कम से कम 7,000 हायर सेकेंडरी स्कूलों ने अभिभावकों और शिक्षकों के दृष्टिकोण के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है. गुरुवार को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. राज्य सरकार शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शिक्षाविदों और अन्य संबंधित लोगों की ऑनलाइन बैठक करेगी. शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस ऑनलाइन बैठक के आधार पर शनिवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी. सरकारी सहायता प्राप्त हायर सेकेंडरी के प्रिंसिपल विजयबाबू ने बताया, "जब मैंने राज्य सरकार के लिए रिपोर्ट तैयार करने के लिए व्यक्तिगत रूप से माता-पिता और शिक्षकों से संपर्क किया, तो मैंने पाया कि राय पूरी तरह से विभाजित थी."

करीब 20 फीसदी अभिभावकों ने ही परीक्षा करवाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. माता-पिता का कहना है कि परीक्षा रद्द करना बेहतर है क्योंकि उन्हें परीक्षा के बजाय अपने बच्चे के स्वास्थ्य की अधिक चिंता है. देरी से छात्रों और अभिभावकों में काफी बेचैनी है. एक सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 12 के छात्र आभा राजकुमार ने कहा, "मुझे नहीं पता कि भविष्य में मेरे लिए क्या होगा. मैंने अच्छी तैयारी की थी और परीक्षा देने के लिए तैयार है लेकिन अनिश्चितता मुझे परेशान रही है. अगर वे रद्द कर रहे हैं उन्हें ऐसा करने दें, अन्यथा उन्हे परीक्षा एक ऐसे प्रारूप में करने दें जो छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुविधाजनक हो. अगर सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं कोविड के कारण रद्द कर दी गई हैं तो हमारी परीक्षा क्यों नहीं."

हालांकि, माता-पिता छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और अपने बच्चों को परीक्षा में बैठने के लिए स्कूल भेजकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. चेन्नई में एक बैंकर रजनी अरुण ने कहा, "इस मुद्दे पर सरकार को ढिलाई बरतने की कोई जरूरत नहीं है. अगर सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं रद्द हो जाती हैं, तो हमारी सरकार इस परीक्षा को रद्द करने का निर्णय क्यों नहीं ले सकती है. मेडिकल रिपोर्ट और वैज्ञानिक दुनिया भर के अध्ययन कहते हैं कि एक तीसरी लहर आसन्न है और यह बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करेगी. सरकार मेरे बच्चे को क्या गारंटी दे सकती है कि उसे परीक्षा के लिए स्कूल जाने के बाद यह बीमारी नहीं होगी."

HIGHLIGHTS

  • करीब 20 फीसदी अभिभावकों ने ही परीक्षा करवाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है
  • देरी से छात्रों और अभिभावकों में काफी बेचैनी है

Source : IANS

tamil-nadu Tamil Nadu Government examination 12th board Decision pending
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