केजरीवाल सरकार के स्कूलों ने सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है. बीते दिनों आए कम्पार्टमेंट रिजल्ट के बाद दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 10वीं के बोर्ड रिजल्ट में अप्रत्याशित रूप से 16.02% का इजाफा हुआ है और अब 10वीं का कुल पासिंग परसेंटेज 81.27% से बढ़कर 97.29% हो गया है. पासिंग परसेंटेज का यह इजाफा कक्षा 12वीं के नतीजों में भी देखने को मिला है, जहां केजरीवाल सरकार के स्कूलों के 12वीं बोर्ड के नतीजों में 1.92% की वृद्धि के साथ 12वीं का कुल पासिंग परसेंटेज 96.29% से बढ़कर 98.21% हो गया है.
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गौर करने की बात है कि कोरोना के कारण इस बार सत्र 2018-19 के बाद 2 साल बाद बोर्ड परीक्षा पूरी तरह सामान्य रूप में हुई थी. इन 2 सालों के दौरान बच्चों के मेंटल-इमोशनल वेल-बींग के साथ-साथ उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई, लेकिन बावजूद इसके बोर्ड परीक्षाओं में केजरीवाल सरकार के स्कूलों के बच्चों ने न केवल शानदार प्रदर्शन किया है बल्कि कोविड के पूर्व बोर्ड रिजल्ट के रिकॉर्ड को भी तोड़ा है.
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी स्टूडेंट्स-टीचर्स व पेरेंट्स को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना के कारण पिछले 2 सालों में बच्चों की पढ़ाई व उनकी मेंटल-इमोशनल वेल-बींग बहुत ज्यादा प्रभावित हुई. शैक्षणिक सत्र 2021-22 भी कोरोना से काफी बाधित रहा और बच्चों के सीखने के अवसरों में काफी कमी आई और सीबीएसई द्वारा सामान्य समय की तरह ही बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिसमें हमारे बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन, जो बच्चे एक या दो विषयों में पास नहीं हो पाए, उन्हें कम्पार्टमेंट की परीक्षाओं में शामिल होना पड़ा.
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कड़ी मेहनत, बेहतर प्लानिंग और टीचर्ज के सपोर्ट की बदौलत हमारे स्कूलों के कक्षा 10वीं के 33,000 से ज्यादा और कक्षा 12वीं के 3,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने कम्पार्टमेंट के उस टैग को बदलने का काम किया और पास हुए हैं. इस रिज़ल्ट से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो अगली कक्षा में और बेहतर पढ़ाई कर सकेंगे. यह उनके जीवन का बहुत बड़ा क्षण है और इस बात की साबित करता है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए.
पिछली बार कोरोना से पहले सामान्य रूप से बोर्ड परीक्षाएं सत्र 2018-19 में आयोजित की गई थीं. तब दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 10वीं बोर्ड के नतीजे कोम्पेर्त्मेंट परीक्षाओं के बाद 81.44% थे, लेकिन 2 साल तक कोरोना के कारण पढ़ाई के प्रभावित होने बावजूद इस साल हमारे बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है और 2018-19 की तुलना में इस साल हमारे 10वीं बोर्ड के रिजल्ट में 15.85% की वृद्धि दर्ज की गई है जो हमारे शिक्षकों व बच्चों की कड़ी मेहनत को दर्शाता है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कक्षा 12वीं के परिणामों पर साझा करते हुए कहा कि सत्र 2018-19 की तुलना में इस साल कम्पार्टमेंट परीक्षाओं के पश्चात 12वीं बोर्ड के रिजल्ट में 1.68% की वृद्धि हुई है. 2018-19 में कम्पार्टमेंट के बाद 12वीं के नतीजे जहां 96.53% थे वहीं सत्र 2021-22 में कम्पार्टमेंट की परीक्षाओं के बाद यह नतीजे 98.21% है.
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खास बात यह है कि इस साल सीबीएसई के कम्पार्टमेंट परीक्षाओं में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के पासिंग परसेंटेज में पिछले सालों की तुलना में अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वर्ष 2018-19 में सीबीएसई 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षाओं में 4936 बच्चों ने भाग लिया था और इनमें से 60.39% बच्चे पास हुए. सत्र 2019-20 में 1734 में से 74.39%, सत्र 2020-21 में 51% बच्चों ने कम्पार्टमेंट की परीक्षा पास की. वहीं, इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों से 3272 बच्चों ने सीबीएसई 12वीं की कम्पार्टमेंट की परीक्षाएं दीं और उनमें से 96.85% बच्चों ने यह परीक्षा पास की यानि कि पिछले साल की तुलना में इस साल सीबीएसई की 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षा के नतीजों में 45.46% की वृद्धि हुई है.
सीबीएसई के कक्षा 10वीं के कम्पार्टमेंट के नतीजों को देखे तो 2018-19 में सीबीएसई 10वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षाओं में 42216 बच्चों ने भाग लिया था और इनमें से 38.84% बच्चे पास हुए. सत्र 2020-21 में 4662 में से 30.84% बच्चों ने कम्पार्टमेंट की परीक्षा पास की. वहीं, इस साल दिल्ली सरकार के स्कूलों से 34502 बच्चों ने सीबीएसई 10वीं की कम्पार्टमेंट की परीक्षाएं दीं और उनमें से 95.88% बच्चों ने यह परीक्षा पास की. यानि कि पिछले साल की तुलना में इस साल सीबीएसई की 10वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षा के नतीजों में 65.04% की वृद्धि हुई है.