देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न हालात के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा एक से आठवीं तक के सभी छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाएगा. साथ ही सीबीएसई कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं केवल 29 मुख्य विषयों के लिए आयोजित करेगा जो प्रोन्नति और उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के निर्देशों के बाद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का फैसला लिया है, भले ही कोरोना वायरस महामारी के चलते स्कूल बंद होने से पहले उनकी परीक्षाएं हो गई हों या न हुई हों.
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सीबीएसई में सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी के कारण बोर्ड आठ परीक्षाएं संपन्न नहीं करा पाया है. इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में कानून-व्यवस्था बिगड़ने के कारण कुछ परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी. असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए हम इस संबंध में बोर्ड की नीति की समीक्षा करने के लिए मजबूर हो गए.” उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि बोर्ड केवल प्रोन्नति और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आवश्यक मुख्य विषयों की ही परीक्षा आयोजित करेगा. बाकी विषयों के लिए, कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. अंकन और मूल्यांकन के लिए निर्देश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे.”
अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड छात्रों को आगे की रूपरेखा के बारे में 10 दिन पहले सूचित करेगा. त्रिपाठी ने कहा, ‘‘इस स्तर पर बोर्ड के लिए परीक्षाओं का नया कार्यक्रम तय करना और उसकी घोषणा करना मुश्किल है. हालांकि, हम परीक्षा शुरू करने से पहले सभी हितधारकों को लगभग 10 दिन पहल सूचित कर देंगे.’’ बोर्ड ने यह भी घोषणा की कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए विदेशों में 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी.
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अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘‘25 देशों में कई सीबीएसई स्कूल स्थित हैं. इनमें से प्रत्येक देश में लॉकडाउन है या उन्होंने विभिन्न अवधि के लिये स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है. ऐसी परिस्थिति में, यह महसूस किया गया कि बोर्ड इनमें से प्रत्येक देश में परीक्षाएं अलग-अलग प्रश्नपत्रों के साथ संचालित करने की स्थिति में नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, मौजूदा समय में मूल्यांकन के लिये उत्तर पुस्तिकाओं को भारत मंगाना भी कठिन होगा. इसलिए, बोर्ड ने निर्णय लिया है कि विदेशों में स्थित स्कूलों की 10 और 12 वीं कक्षाओं की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी.’’
परिणाम घोषित करने के लिए अंकन और मूल्यांकन शीघ्र ही बोर्ड द्वारा किया जाएगा और इन स्कूलों को सूचित किया जाएगा. बोर्ड ने एनसीईआरटी के परामर्श से कक्षा एक से आठवीं तक के सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया है. त्रिपाठी ने कहा, ‘‘कक्षा नौवीं और 11 वीं में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं को अब तक हुए प्रोजेक्ट, समय-समय पर होने वाली परीक्षाएं, आदि के मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा/दर्जे में प्रोन्नत करने की सलाह दी गई है.‘ उन्होंने कहा कि इस बार प्रोन्नत नहीं होने वाले छात्र स्कूल स्तर पर ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षाओं में बैठ सकते हैं.
Source : Bhasha