CBSE-ICSE बोर्डः 12वीं परीक्षा में अंक देने की स्कीम को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी

कोर्ट को सुझाव दिया गया था कि शुरु में ही छात्रो को लिखित परीक्षा/आंतरिक मूल्यांकन में से एक को चुनने का अवसर दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने कहा कि इस सुझाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता. ये अनिश्चितता की स्थिति पैदा करेगा.

author-image
Karm Raj Mishra
एडिट
New Update
Supreme Court

Supreme Court ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (मंगलवार को) एक बार फिर से सुनवाई हुई. इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस खानविलकर ने कहा कि हर एक परीक्षा अलग है. हर एक का अलग बोर्ड है. CBSE बोर्ड ने जनहित में परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है. जस्टिस खानविलकर ने कहा कि स्थिति लगातार बदल रही है. ये पता नहीं कि एग्जाम कब होंगे. ये बच्चों की मनोदशा पर असर डालेगा. जस्टिस खानविलकर ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या आप 20 लाख छात्रों की, उनको परीक्षा में बैठाने की तैयारियों की जिम्मेदारी लेगे.

ये भी पढ़ें- सीएम योगी खुद को पीएम मोदी से ऊपर समझते हैं, चुनाव के बाद हो जाएगी छुट्टी : रामगोपाल

सुप्रीम कोर्ट में विकास सिंह के सुझाव पर कोर्ट ने पूछा कि क्या छात्रों को शुरू में ही मौका नहीं दिया जा सकता कि वो लिखित परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन में एक विकल्प चुन लें. जो यह विकल्प चुनें, उनका मूल्यांकन न हो. जिस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि ये सुझाव छात्रों के हित में नहीं है. स्कीम के तहत छात्रों को दोनों विकल्प मिल रहा है. अगर वो आन्तरिक मूल्यांकन में मिले नंबर से संतुष्ट नहीं होंगे, तो लिखित परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं. लेकिन अगर वो सिर्फ लिखित परीक्षा चुनते हैं तो फिर आंतरिक मूल्यांकन में मिले नंबर नहीं गिने जाएंगे.

बाद में जस्टिस महेश्वरी ने भी कहा कि शुरुआत में छात्रों को ये अंदाजा ही नहीं होगा कि उन्हें आंतरिक मूल्यांकन में कितने नम्बर मिलेंगे. लिहाजा लिखित परीक्षा /आतंरिक मूल्यांकन में से एक को चुनना उनके लिए भी मुश्किल होगा. यूपी पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से विकास सिंह ने कहा कि अभी कोरोना का पॉजिटिव रेट कम है. अभी लिखित परीक्षा आयोजित की जा सकती है. आगे सितंबर-अक्तूबर में कोविड की तीसरी लहर का खतरा है. 12वीं परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर ही कॉलेज में एडमिशन होता है.

कोर्ट ने कहा कि हम सारे बोर्ड को निर्देश दे सकते है कि वो एक ही दिन लिखित परीक्षा /आंतरिक मूल्यांकन का रिजल्ट घोषित करें. अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि 31 जुलाई के बाद UGS एडमिशन प्रकिया शुरू करने से पहले सारे बोर्ड के रिजल्ट आने का इंतजार करेगी. कोर्ट ने कहा कि CBSE  का कहना है कि परीक्षा अगस्त-सितंबर के बीच आयोजित होगी  रिजल्ट अक्टूबर में आएगा. जिस पर विकास सिंह ने कहा कि अगर अक्टूबर में आता है, तो छात्रों का साल ही बर्बाद हो जाएगा. कोर्ट को बताया गया  कि ICSE बोर्ड में पिछले साल 10 छात्र लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे, वही CBSE बोर्ड के 15 हजार छात्र पेश हुए थे.

ये भी पढ़ें- धर्मांतरण पर बोली रमजान की पत्नी आयशा, कहा- लगता है चुनाव होने वाले है

कोर्ट को सुझाव दिया गया था कि शुरु में ही छात्रो को लिखित परीक्षा/आंतरिक मूल्यांकन में से एक को चुनने का अवसर दिया जाए. लिखित परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन का रिजल्ट एक साथ घोषित हो. जिस पर कोर्ट ने कहा कि इस सुझाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता. ये अनिश्चितता की स्थिति पैदा करेगा. 31 जुलाई के आंतरिक मूल्यांकन का रिजल्ट आने के बाद असंतुष्ट होने की स्थिति में छात्र लिखित परीक्षा में बैठ सकते हैं. कोर्ट ने इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि चूंकि दूसरे संस्थान लिखित परीक्षा आयोजित कर रहे है तो CBSE को भी करनी चाहिए.CbSE बोर्ड ने व्यापक जनहित में परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है.

कोर्ट ने कहा कि 13 एक्सपर्ट ने मिलकर CBSE बोर्ड की अंक देने की स्कीम निर्धारित की है. हम बोर्ड स्कीम को मंजूरी देते हैं. इससे पहले कोर्ट को सुझाव दिया गया था कि सभी बोर्ड एक साथ रिजल्ट घोषित करे. जिस पर AG ने कोर्ट को बताया कि कॉलेज में दाखिले तभी शुरू होंगे जब सारे बोर्ड के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे. साथ ही CBSE की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 15 अगस्त से 15 सितम्बर को होने वाली परीक्षा में प्राइवेट/कंपार्टमेंट वाले छात्र भी बैठ सकते हैं. रिजल्ट जल्दी घोषित होगा ताकि इन छात्रों को भी कैरियर में दिक्कत ना हो.

HIGHLIGHTS

  • कॉलेजों में दाखिले तभी शुरू होंगे जब सारे बोर्ड के रिजल्ट घोषित हो जाएंगे
  • छात्रों को लिखित परीक्षा का भी विकल्प मिल रहा है- केंद्र सरकार
  • कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा- 20 लाख छात्रों की जिम्मेदारी आप लेंगे
Modi Government Supreme Court सुप्रीम कोर्ट झारखंड बोर्ड 12वीं रिजल्ट मोदी सरकार CBSE और ICSE की 12वीं परीक्षा रद्द Supreme Court on 12th Exam Plea against CBSE and ICSE 12th exam canceled
Advertisment
Advertisment
Advertisment