कोरोना की वजह से छात्रों का जीवन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से सही तरीके से उन्हें शिक्षा नहीं मिल पाई. तो बिना एग्जाम दिए उन्हें दूसरे क्लास में प्रमोट कर दिया गया. जिसकी वजह से उनमें अंसतुष्टि वाले भाव आ गए हैं. लेकिन अब यूपी बोर्ड (UP Board) ने असंतुष्ट बच्चों के लिए परीक्षा देने का मौका लाया है. यूपी बोर्ड ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट छात्रों के परीक्षा की व्यवस्था को लेकर अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया है. इस आदेश में 10वीं और 12वीं के इच्छुक छात्र लिखित परीक्षा दे सकेंगे.
27 अगस्त 2021 तक इच्छुक छात्र आवेदन कर सकेंगे. इतना ही नहीं छात्र या तो सिर्फ एक विषय में एग्जाम दे सकते हैं या फिर सभी सब्जेक्ट में. साल 2020-21 के सत्र में ही लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी होगा. बिना परीक्षा पास हुए स्टूडेंट 18 सितंबर से छह अक्तूबर तक होने वाली बोर्ड परीक्षा में फिर शामिल हो सकेंगे. दसवीं की बोर्ड परीक्षा 12 और इंटर की 15 दिनों में होगी.
छात्रों की असंतुष्टि को ध्यान में रखा गया है
योगी सरकार ने कोरोना महामारी में प्रमोट किए 10वीं-12वीं के छात्रों की असंतुष्टि का ध्यान रखते हुए यह सुविधा शुरू की है. प्राप्त अंकों से असंतुष्ट परीक्षार्थियों के लिए लिखित परीक्षा की सुविधा की गई है. 18 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की लिखित परीक्षा कराएगा.
अंक सुधरवाने के लिए छात्र एग्जाम में हो सकते हैं शामिल
जो छात्र अंक सुधार चाहते हैं वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. विदहेल्ड श्रेणी, सामान्य, बिना अंक के प्रोन्नत, अनुपस्थित श्रेणी और कम अंक पाने वाले स्टूडेंट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. बोर्ड के मुताबिक इंटर में प्रैक्टिकल परीक्षा में गैर-हाजिर रहने वाले छात्र फिर से बोर्ड प्रैक्टिकल में शामिल हो सकते हैं.
एग्जाम देने के लिए नहीं देनी होगी कोई शुल्क
बोर्ड परीक्षा में प्रश्न पत्र तीन घंटे के बजाय दो घंटे में होंगे. प्रश्नों की संख्या कम की जाएगी. अंक सुधार के लिए शामिल होने वाले छात्रों के लिए प्रस्तावित परीक्षा के अंक ही मान्य होंगे. इच्छुक छात्र 27 अगस्त की शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही लिखित परीक्षा में भाग लेने वाले छात्र कोई शुल्क नहीं देनी होगी.
Source : News Nation Bureau