देशभर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश शिक्षा परिषण की परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की जाएंगी. वहीं कक्षा 1 से 10वीं तक के सभी छात्रों को प्रमोट किया जाएगा. बोर्ड जल्द ही इसका प्रस्ताव सरकार के पास भेजेगा. इसक साथ ही मदरसा बोर्ड ने हाईस्कूल के छात्रों की अर्धवार्षिक और प्री बोर्ड परीक्षा के अंक मंगाए हैं. वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षा पर यूपी बोर्ड का निर्णय आने के बाद मदरसा बोर्ड फैसला करेगा. बता दें कि सीबीएसई ने कक्षा 12 की परीक्षा इस साल नहीं करने का फैसला लिया है. इन परिस्थितियों को देखते हुए मदरसा बोर्ड ने भी इस बार बोर्ड की परीक्षाएं न कराने का निर्णय किया है. प्रदेश के करीब 16 हजार मदरसों में तहतानिया व फौकानिया की गृह परीक्षाएं भी इस बार नहीं होंगी. बोर्ड ने सभी बच्चों को प्रमोट करने का निर्णय लिया है.
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यूपी में मदरसों की कक्षाएं ऑनलाइन शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दे दी है. इससे इन मदरसों में नामांकित लगभग 18 लाख छात्रों को लाभ होगा. तमाम मदरसे इन ऑनलाइन ट्यूटोरियल के लिए समूह चैट बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मदरसा के छात्रों के लिए पहली कक्षा से स्नातकोत्तर स्तर तक ऑनलाइन कक्षाओं के लिए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा शिक्षा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
यूपी के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा, जब तक मदरसे फीजिकली शिक्षा देना शुरू नहीं कर सकते, तब तक ऑनलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है." आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में लगभग 16,000 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें 560 सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे शामिल हैं.
इन संस्थानों में पहली कक्षा से माध्यमिक (मुंशी / मौलवी), वरिष्ठ माध्यमिक (आलिम), कामिल (स्नातक) और फाजिल (स्नातकोत्तर) तक लगभग 18 लाख छात्र नामांकित हैं. रमजान के लिए मदरसे 14 अप्रैल से 24 मई तक बंद थे.
मंत्री ने कहा, "राज्य में मामले तेजी से घट रहे हैं और महामारी ने शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है. ऑनलाइन कक्षाएं पाठ्यक्रम में नुकसान की भरपाई करेंगी और तत्काल प्रभाव से शुरू होंगी."