BPSC 70th PT Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस नोटिस का खंडन किया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की तिथि 13 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 19 जनवरी 2025 कर दी गई है. सोशल मीडिया पर इन दिनों बीपीएससी की एक नोटिस वायरल हो रही है. बीपीएससी ने इसे फर्जी और भ्रामक जानकारी करार देते हुए साफ किया है कि परीक्षा की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
आयोग ने इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि इस प्रकार की गलत सूचना फैलाने वाली खबरों का पूरी तरह से खंडन किया जाता है. बीपीएससी ने साफ किया कि 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन पहले से निर्धारित तिथि 13 दिसंबर 2024 को ही होगा, और इस तिथि में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है. इसके साथ ही बीपीएससी ने यह भी कहा कि कोई भी आधिकारिक सूचना केवल उनकी आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर ही प्रकाशित की जाती है, और किसी भी अन्य माध्यम से जारी की गई जानकारी को ध्यान में नहीं रखा जाए.
बीपीएससी 70वीं परीक्षा में आवेदन की स्थिति
बीपीएससी की 70वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में लगभग 4.83 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. हालांकि, यह संख्या कम है, क्योंकि पहले अनुमान था कि इस परीक्षा में 7 से 8 लाख आवेदन हो सकते हैं. इसके बावजूद आयोग के लिए यह संख्या एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि बिहार लोक सेवा आयोग के इतिहास में यह संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की सबसे बड़ी वैकेंसी है.
70वीं सिविल सेवा परीक्षा की वैकेंसी
बीपीएससी ने इस भर्ती के लिए 1957 पदों पर भर्ती निकाली थी, जो बाद में बढ़ाकर 2035 कर दिए गए हैं. इस परीक्षा का आयोजन पुराने आरक्षण रोस्टर के आधार पर होगा, जिसमें 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू होगा. इस प्रकार, परीक्षा का आयोजन समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए अवसर प्रदान करेगा, जो पिछड़े वर्गों और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए समान रूप से महत्व रखता है.
70वीं प्रारंभिक परीक्षा का पैटर्न
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बार प्रश्न पत्रों के चार अलग-अलग सेट होंगे. ये सेट एक-दूसरे से अलग होंगे और इनका रंग भी भिन्न होगा. यह बदलाव समान प्रश्नों के वितरण और सुनिश्चित निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
इसके साथ ही, बीपीएससी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिलावार बदलाव भी हो सकते हैं, यानी विभिन्न जिलों में परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने के लिए सुविधा मिले और किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.
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