Budget 2024: कौन और कैसे तैयार करता है बजट, कहां से जुटाया जाता है फंड, जानें सबकुछ एक नजर में

जिस तरह से घर के खर्चे चलाने के लिए बजट की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह देश को चलाने के लिए भी पैसे की जरूरत होती है, जिसे बजट के नाम से जाना जाता है.

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Priya Gupta
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Budget 2024

Budget 2024 ( Photo Credit : Social Media)

Budget 2024: 'बजट' ये शब्द अक्सर हम अपनी बोल-चाल की भाषा में इस्तेमाल करते हैं. बाहर रहने वाले स्टूडेंट्स के महीने का बजट, घर के राशन का बजट, सैलरी पाने वाले सैलरीड के पूरे खर्चे का बजट. हर कोई अपने पैसे का सही इस्तेमाल करने के लिए एक लेखा-जोखा तैयार करता है. कितने पैसे आएंगे और उस पैसे को कैसे खर्च करना है और अगर खर्च ज्यादा हो जाए तो उसे अगले महीने से मैनेज कर लिया जाता है. जिस तरह से घर के खर्चे चलाने के लिए बजट की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह देश को चलाने के लिए भी पैसे की जरूरत होती है. इसमें आय (इनकम) व्यय (खर्च) और उधार का लेखा जोखा होता है. जिसे बजट के नाम से जाना जाता है. हालांकि ये बजट आम-बोल-चाल की भाषा है, भारत के संविधान में बजट शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. भारत के संविधान में अनुच्छेद 112 में केंद्र के लिए वार्षिक वित्तिय विवरण कहा जाता है. 

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कौन तैयार करता है बजट?

बजट तैयार करने का काम केंद्र सरकार का वित्त मंत्रालय करता है. वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों का विभाग (Department of Finance, DEA). DEA के दो डिविजन है, पहला इकोनॉमिक डिविजन और दूसरा बजट डिविजन. इकोनॉमिक डविजन का काम है Economic Survey तैयार करना. बजट डिविजन का काम है बजट तैयार करना. बजट तैयार करने वाले लोगों को आइसोलेट करके रखा जाता है, यहां तक की मोबाइल फोन भी ले जाना मना होता है. बजट वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में छापा जाता है, जिसका सिक्योरिटी काफी हाय होती है. 

वार्षिक विवरण में सरकार का अनुमानित आय ( Estimated Income) और अनुमानित खर्च  ( Estimated Exp.) के बारे में बताती है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार ये दोनों अलग-अलग बजट बनाती है. केंद्र सरकार का बजट संविधान के 112 में हैं, और राज्य सरकार का बजट अनुच्छेद 202 में परिभाषित है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल 2017 से पहले रेलवे का बजट और केंद्र का बजट अलग हुआ करता था लेकिन शंकराचार्य कमिटी की सिफारिश के बाद ये दोनों बजट को मिला दिया गया. इसके अलावा बजट के समय को फरवरी से अंतिम सप्ताह से घटाकर फरवरी के पहले कार्य दिवस पर कर दिया गया. बजट बनाने में लगभग 3 से 4 महीनों का प्रोसेस लगता है. फरवरी में पेश होने वाले बजट के लिए अक्तूबर से ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन मोदी 3.0 का गठन मई महीने में हुआ. इसलिए जुलाई में सरकार ने पूरक बजट पेश किया है.

हर साल के बजट में हमारी सरकार तीन साल के आंकड़ों का विवरण देती है. अनुच्छेद 117 के तहत राष्ट्रपति को बजट देना होता है, लेकिन राष्ट्रपति अपने द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति से यानी वित्त मंत्री को बजट पेश करने के लिए कहते हैं. इस बजट के पेश करने के बाद, लोकसभा और राज्यसभा में इस पर आम चर्चा होती है, इसके बाद एक सर्वसम्मति के साथ एक रिवाइज्ड बजट तैयारी किया जाता है, जिसे लोकसभा में पेश नहीं किया जाता है. इसे केवल वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर पब्लिश किया जाता है. 

बजट बनाने की प्रक्रिया (Budget Making Process)

1.सरकार के व्यय एवं राजस्व का अनुमान होता है.

2. सरकार के घाटों का आकंलन करती है.

3.सरकार अपने घाटों को कम करने की कोशिश करती है

4.सरकार बजट पेश करती है और अनुमोदन प्रक्रिया है, 

ससंद में बजट 6 चरणों से होकर गुजरता है

1. ससंद में बजट को पेश किया जाता है.

2.बजट पेश होने के बाद इस पर चर्चा होती है.

3.विभागिय समितियों द्वारा जांच के लिए भेजा जाता है.

4.अनुदान मांगों पर मतदान

5.विनियोग विधेयक पारित करना

6. वित्त विधेयक पारित करना. 

Source : News Nation Bureau

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