दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड के अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों में बीए (प्रोग्राम) बीकॉम (प्रोग्राम) के 26 सेंटर चलाए जा रहे हैं. अब इन केंद्रों को रोजगारपरक कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है. कोरोना काल की समाप्ति के बाद दिल्ली व एनसीआर के आसपास स्थापित प्रारंभिक चरण में 20 कंपनियों से संपर्क किया जाएगा. उन कंपनियों को कॉलेज में बुलाकर छात्राओं की च्वॉइस के अनुसार जॉब के अवसर दिए जाएंगे. इसके अलावा कुछ ऐसी कंपनियों को भी बुलाया जाएगा जो एक या दो सप्ताह का प्रशिक्षण देकर उन्हें ट्रेंड कर दे.
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरबिंदो कॉलेज सेंटर में शिक्षा अर्जित करने वाली छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले प्लेसमेंट सेल की स्थापना की है. रोजगार से जोड़ने के लिए यह सेंटर रविवार 1 नवम्बर से शुरू किया गया है. इसके जरिए श्री अरबिंदो कॉलेज सेंटर में अध्ययन करने वाली छात्राओं को पढ़ाने के साथ-साथ जॉब के अवसर भी प्रदान कराएगा. दिल्ली विश्वविद्यालय में नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड के अंडर ग्रेजुएट कोर्सिज के 26 सेंटर कॉलेजों में चल रहे हैं. इन सेंटर पर शनिवार व रविवार को कक्षाएं लगती है, इन सेंटरो पर आने वाली ज्यादातर छात्राओं के परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. इनमें कुछ छात्राएं तो ऐसी है जो ट्यूशन चलाकर या कोई पार्ट टाइम कार्य करके शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. बाकी समय में छात्राएं कुछ नहीं करती.
ऐसी छात्राओं को रोजगार से जोड़ने की नीति बनाई गई है जिससे वो अपने पैरों पर खड़ी हो सके. इन छात्राओं के पांचवें व छठे सेमेस्टर की समाप्ति से पूर्व कंपनियों से संपर्क करके उनके लिए रोजगार मेला (जॉब फेयर) लगाया जाएगा, जिसमें छात्राओं की रूचि के अनुसार रोजगार का प्रबंध किया जाएगा. प्लेसमेंट सेल में टीचर इंचार्ज प्रो. हंसराज सुमन, डॉ. रमेश कुमारी , डॉ. अदिति, रविंद्र सिंह के अलावा टीचिंग व नॉन टीचिंग के लोगों को रखा गया है.
श्री अरबिंदो कॉलेज सेंटर प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड यानी एनसीवेब का किसी कॉलेज में यह पहला सेंटर है. यहां रेगुलर छात्राओं की तरह बोर्ड की छात्राएं भी अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार जॉब के अवसर प्राप्त कर सकेंगी. दिल्ली व एनसीआर में स्थित बड़ी कम्पनियों से संपर्क करेंगे जो हमारी छात्राओं को उनकी योग्यता और रुचि के अनुसार जॉब दे. हमारे सेंटर का उद्देश्य है कि छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ जॉब में भी सक्षम बने, इसी उद्देश्य को लेकर प्लेसमेंट सेल खोला गया है. जो समय-समय पर इन छात्राओं के लिए जॉब फेयर का भी आयोजन करेगा.
प्रोफेसर हंसराज ने कहा, जॉब फेयर का उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की छात्राओं को मदद देना है. वहीं यहां पढ़ने वाली छात्राएं अपने पैरों पर खड़े होकर समाज में अपना योगदान कर पाएगी. रेगुलर छात्राओं की भांति नॉन कॉलेजिएट की छात्राओं को जॉब के अवसर प्रदान कराना इस कार्यक्रम की पहली प्राथमिकता है. प्रशासन का मानना है कि कभी-कभी उचित जानकारी के अभाव में तथा उचित जगह न पहुंच पाने के कारण छात्राएं अपनी योग्यता के अनुसार जॉब नहीं ले पाती है. इस तरह के आयोजनों से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की छात्राओं को सही दिशा मिलेगी.
प्लेसमेंट सेल के लिए नॉन कॉलेजिएट की छात्राओं को इसलिए चुना है कि इसमें पढ़ने वाली छात्राओं की सिर्फ रविवार या छुट्टी के दिनों में कक्षाएं लगती है. इसलिए उनके पास बाकी दिन जॉब के लिए उपलब्ध रहते हैं. जॉब करते हुए आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ-साथ आगे के करियर तथा उच्च शिक्षा भी अर्जित करने में आर्थिक बल और आत्मविश्वास पैदा होगा.
Source : IANS/News Nation Bureau