केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने न्यूज नेशन से विशेष बातचीत में कहा कि महामारी (Corona Virus) के बावजूद शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है. उच्च शिक्षा के लिए आयोग का गठन, नवाचार के लिए 50 हजार करोड़ का बजट, जिसके जरिए पेटेंट करवाना भारत में बहुत आसान हो पाएगा. एकलव्य विद्यालय ,सैनिक स्कूल, लेह विश्वविद्यालय समेत ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसके तहत केंद्रीय बजट में शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है. हमारी कोशिश है कि नई शिक्षा नीति के तहत हम भारत में ही विद्यार्थियों के लिए ऐसे अवसर प्रदान करें, जिसके बाद उन्हें विदेश जाने की जरूरत न पड़े.
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आगे कहा कि अब शोध और रोजगार के लिए विदेश नहीं जाना होगा. इसके अवसर अब भारत में भरपूर मिलेगा. एक समय था जब नवाचार और रोजगार के अवसर भारत में कम थी, लेकिन अब जितना बड़ा निवेश भारत सरकार शिक्षा क्षेत्र में कर रहे हैं उससे रोजगार की जगह पेटेंट पाने की होड़ पैदा होगी. जिससे भारत में छात्र सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि विश्व के लिए काम कर सकते हैं.
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करोना काल में किया जमकर काम
निशंक ने आगे कहा कि भारत में इतने छात्र-छात्राएं हैं जितनी अमेरिका की पूरी जनसंख्या है, हजार से अधिक विश्वविद्यालय हैं, ऐसे में सबको ऑनलाइन एजुकेशन देना यह कोशिश करना कि किसी भी विद्यार्थी का साल बर्बाद ना हो, विदेशों के साथ टाईअप करना और इस तरह से शिक्षा देना कि रोजगार परक नीतियों का निर्माण हो सके. मेरे पूरे मंत्रालय ने महामारी के दौर में भी बहुत मेहनत से काम किया है.
Source : News Nation Bureau