जो लोग प्रोफेसर बनने का सपना देखरे हैं उनके लिए अच्छी खबर है. विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में "प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस" के पद पर नियुक्ति के लिए PhD या NET की अनिवार्यता अब खत्म हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूजीसी ने कहा है कि फिलहाल किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने की प्रक्रिया में कुछ वक़्त लगेगा. यूजीसी( UGC) इसको examine कर रही है. नतीजे तक पहुंचने की एक पूरी प्रक्रिया होती है जिसके तहत एक समिति बनाई जाएगी. इसके बाद Education Ministry के पास भेजा जाएगा. अभी इस पर चर्चा जारी है.
यह भी पढ़ें- शतरंज की शह-मात के बाद आनंद तय करेंगे तमिलनाडु की शिक्षा नीति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 मार्च को राज्य सभा में सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि, UGC प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पदों के सृजन की संभावनाएं तलाश रही है. साथ ही, विश्वविद्यालयों के स्वीकृत पदों को प्रभावित किए बिना इस पद के सृजन की सम्भावना का पता किया जा रहा है. साथ ही पाठ्यक्रम समृद्ध होगा और छात्रों को रोजगार में मदद मिलेगी. इस प्रावधान से अब युवाओं को आसानी से रोजगार मिल जायेगा. हालांकि इस नियति पर थोड़ा सा वक़्त लिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- DU से College Of Arts को अलग करने पर रार बढ़ी
Source : News Nation Bureau