Success Story: "लहरों से नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती" ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी. लेकिन कहवते यूं ही नहीं बनती इसे सच करने वाले कई लोग हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से हर परेशानी को रौंद दिया. संघर्ष के बाद सफलता तो निश्चित है, लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं जो आखिरी समय तक संघर्ष भी कर पाते हैं. आज हम आपको सक्सेस स्टोरी में एक ऐसी हस्ती की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने संघर्ष कर अपने जीवन को एक नया मोड़ दिया और आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है. हम बात कर रहे हैं बबिता की, जिसकी मां-पिता दोनों में से किसी ने पढ़ाई नहीं की लेकिन अपने बेटी को उन्होंने अधिकारी बना दिया.
पिता करते है मजदूरी
बबिता के पिता का नाम सुरेंद्र है, कभी ₹300 पर तो कभी ₹500 पर मजदूरी करने जाते हैं. परिवार में इनके अलावा दो भाई और एक बहन है. बबिता 11th, 12th और graduation, पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली मोहल्ले की पहली लड़की है. बबिता का बचपन काफी अभाव में गुजरा है. साल 2020 में बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में पास हो गई और चयन लेखा अधिकारी के पद चयन हुआ. उन्हें ये नहीं पता कि बबिता का चयन किस पद पर हुआ है, उन्हें यही पता है कि उनकी सरकारी नौकरी लगी है.
अधिकारी बनने वाली पहली लड़की बनीं बबीता
बबिता की सरकारी नौकरी के बाद घर की हालत थोड़ी सुधरी है. पहले जो घर फूस का हुआ करता था अब उस को घर को बबिता ने बनवाकर पक्का कर लिया है. बेटी के अधिकारी बनने के बाद भी पिता ने अपना काम नहीं छोड़ा. इस गांव के अति पिछड़ा वर्ग से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचने वाली बबीता पहली लड़की है और दूसरों के लिए मिसाल भी है. घर में भले ही क्यों न कोई अनपढ़ रह गया हो अगर आप कुछ करना चाहते हैं और उसके लिए मेहनत करते हैं तो आपको सफलता एक न एक दिन जरूर मिलती है.
ये भी पढ़ें-Yantrik Navik Recruitment 2024: 10वीं, 12वीं पास के लिए निकली सरकारी नौकरी, ऐसे करें अप्लाई
ये भी पढ़ें-Forest Guard Job 2024: 12वीं के पास के लिए यहां निकली नौकरी, ऐसे करें अप्लाई
Source : News Nation Bureau