Success Story: आज के ज्यादातर युवा एक अच्छी हाइ पैकेज वाली नौकरी की तलाश करते हैं. लेकिन कुछ लोगों को ये मिलने के बाद छोड़कर जीरो से शुरू करते हैं, लेकिन ये वही कर सकता है जो रिस्क लेने के लिए तैयार रहते हैं. जो रिस्क लेते है उनके सफलता के चांद बढ़ जाते हैं. दुनिया में ऐसे बहुत कम ही लोग होते हैं जो एक शहर में अच्छी हाई पैकेज वाली नौकरी को छोड़कर गांव जाकर एक नई शुरुआत करते है. आज हम एक ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया कॉरपोरेट सेक्टर में शानदार पैकेज वाला जॉब छोड़कर गाव में सब्जी का बिजनेस शुरू किया.
इस लड़की का नाम है स्मारिका चंद्राकर, जिन्होंने अचानक अपनी नौकरी छोड़कर गांव कर रुख किया. वहां जाकर स्मारिका ने ऐसा काम करना शुरू किया जो कम पढ़े-लिखे लोग करना पसंद करते हैं. उन्होंने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर करीब 20 एकड़ जमीन में सब्जी की खेती शुरू की. वह उस खेती को पूरी तरह से नए अंदाज और तकनीक के जरिए इस काम को करती है. देखते ही देखते स्मारिका चंद्राकर अपने बिजनेस को इतना बढ़ा लेती हैं कि वह लोगों को रोजगार देने लगती है. एक समय के बाद वह एक मिसाल बन जाती है.
किसान परिवार की बेटी
स्मारिका चंद्राकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली है. वह एक सफल कॉरपोरेट करियर को छोड़कर एक फुल टाइम किसान बन गई हैं. वह चारमुदिया गांव में पली-बढ़ी. फिर रायपुर के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. बीटेक के बाद उन्होंने पुणे से एमबीए किया. स्मारिका का परिवार परंपरागत रूप से किसान है. ऐसे में वह पहले से ही किसानी के बारे में काफी कुछ जानती थीं.
एमबीए के बाद स्मारिका ने कॉरपोरेट कंपनी में जॉब करने लगी. फिर वह वहां सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव बन गईं. लेकिन, उन्हें जॉब में वो संतुष्टि नहीं मिली. फिर स्मारिका अपने परिवार के पास रायपुर ट्रांसफर ले लिया. फिर वह अपने परिवार वालों के साथ शनिवार-रविवार को खेत में जाने लगीं. इस दौरान वह कुल अलग तरीके से खेती करने के बारे में सोचने लगीं. फिर उन्होंने पहले जॉब में रहते हुए इस काम को शुरू किया. फिर बाद में उन्होंने पिता और भाई के साथ धारा कृषि फार्म की शुरुआत कर दी. आज स्मारिका चंद्राकर एक अच्छा बिजनेस कर रही हैं.
अपनी खेती को और बेहतर करने के लिए उन्होंने टेक्नोलॉजी के बारे में काफी शोध कार्य किया. फिर मिट्टी को और उपजाउ बनाने के लिए गोबर और वर्मीपोस्ट का इस्तेमाल किया. इस तरह उन्होंने पहले ही साल में एक एकड़ जमीन पर 50 टन टमाटर की पैदावार की. उन्होंने खेती के काम में कई लोगों को रोजगार दिया है. आज वह हर साल 1.5 से 2 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं.
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Source : News Nation Bureau