यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन यानि की यूपीएससी की परीक्षा में सुधार करने के लिए बनाई गई बासवान कमेटी ने यूपीएससी बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बासवान कमेटी के सुझावों के मुताबिक सिविल सर्विस परिक्षाओं में सुधार के लिए सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए आयु सीमा को 32 साल से घटाकर 26 साल करने की सलाह दी है ताकि देश को ज्यादा से ज्यादा युवा प्रशासनिक अधिकारी मिल सकें।
कमेटी के मुताबिक छात्र कई सालों तक परीक्षा की तैयारी करते रहते हैं और 32 साल की उम्र में परीक्षा पास कर पाते हैं फिर उनकी ट्रेनिंग में भी समय लगता है। लेकिन कमेटी ने एससी एसटी और आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए उम्र सीमा में कोई बदलाव नहीं करने का सुझाव दिया है।
अभी यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम आयु सीमा 21 साल और अधिकतम आयु सीमा 32 साल है जबकि आरक्षित वर्ग के सभी छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमा 37 साल है। यूपीएसी के माध्यम से छात्र भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित होते हैं।
वर्तमान में यूपीएसी की परीक्षा तीन चरणों में होती है प्रारंभिक, मेन्स और इटरव्यू। पूर्व आईएएस अधिकारी बी एस बासवान की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव करने के सुझाव दिए हैं। लेकिन इसपर अंतिम फैसला डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग और सरकार को लेना है।
Source : News Nation Bureau