DU Admission 2024: देश के 46 यूनिवर्सिटी में सीयूईटी स्कोर के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है.यदि तीन-चार राउंड की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं, तो इन्हें भरने के लिए कुछ रियायतें दी जाएंगी.विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस समस्या के समाधान के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOp) जारी किया है.
खाली सीटों पर होगा 12वीं के स्कोर से एडमिशन
यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) सहित 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब छात्रों को 12वीं के अंकों के आधार पर भी प्रवेश मिल सकता है. यूजीसी के इस ऐलान के बाद, डीयू के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने भी कहा है कि यदि सीयूईटी स्कोर के जरिए प्रवेश के बाद सीटें खाली रह जाती हैं, तो विश्वविद्यालय अपना प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है या क्वालिफाइंग परीक्षा में अंकों के आधार पर छात्रों को प्रवेश दे सकता है.
यूजीसी द्वारा जारी किए गए एसओपी के अनुसार, सीयूईटी की तीन-चार राउंड की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रहने पर विश्वविद्यालय सीयूईटी में विषय मानदंडों में रियायत दे सकती है. यदि इसके बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो विश्वविद्यालय अपना प्रवेश परीक्षा भी करवा सकती है. इसके अलावा, विश्वविद्यालय बीए, बीकॉम और बीएससी जैसे ग्रेजुएशन कोर्सों के लिए क्वालिफाइंग परीक्षा, यानी 12वीं बोर्ड के अंकों के आधार पर भी दाखिला दे सकती हैं. वहीं, पीजी कोर्सेज में ग्रेजुएशन के अंकों के आधार पर भी प्रवेश हो सकता है.
इन एडमिशन में आरक्षण लागू होगा
यूजीसी ने एसओपी में यह भी कहा है कि सभी कोर्सेज और प्रोग्राम में आरक्षण रोस्टर लागू होगा, जिसमें उन विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें देर से प्रवेश मिला होगा. इन विद्यार्थियों का कोर्स पूरा करवाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होगी.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों की खाली सीटों पर प्रवेश के लिए वही छात्र आवेदन कर सकेंगे जिन्हें तीसरे या चौथे राउंड की काउंसलिंग के बाद भी दाखिला नहीं मिला होगा. जिन छात्रों का सीयूईटी के जरिए प्रवेश हो चुका होगा, उनका आवेदन मान्य नहीं होगा. यूजीसी का कहना है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के मुख्य मानदंड सीयूईटी परीक्षा में रियायत देने का उद्देश्य खाली सीटों को भरना है. यूजीसी द्वारा जारी किए गए एसओपी को अपनाकर विश्वविद्यालयों को हर कोर्स की सीट भरने की कोशिश करनी होगी.
डीयू समेत अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यूजीसी का यह नियम लागू होने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी. इससे न केवल विश्वविद्यालयों की खाली सीटें भरी जा सकेंगी, बल्कि छात्रों को भी अपने पसंदीदा कोर्स में प्रवेश पाने का एक और मौका मिलेगा.
ये भी पढ़ें-Top MBA colleges: देश के टॉप एमबीए कॉलेज और उनकी NIRF रैंकिंग
ये भी पढ़ें-IOCL Apprentice 2024 : इंडियन ऑयल में अपरेंटिसशिप के लिए भर्ती, बस होनी चाहिए ये योग्यता