NEET Exam: मेडिकल परीक्षा नीट (NEET Exam) में लाखों स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. सालों-साल बच्चे तैयारी करते हैं. एग्जाम के बाद उम्मीद होती है कि पास होने के बाद एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन होगा फिर नए करियर की शुरुआत होगी. स्टूडेंट्स एक परीक्षा से अपने भविष्य का पूरा प्लान कर लेते हैं, लेकिन नतीजा क्या होता है, पेपर लीक, जिससे स्टूडेंट्स का मनोबल टूटता है. इस बार नीट परीक्षा में हुए पेपर लीक के बाद स्टूडेंट्स एनटीए से काफी नाराज है. 23 जून को नीट की दोबारा परीक्षा हुई, जिसमें 1563 में केवल 813 स्टूडेंट्स ही एग्जाम में पहुंचे. चंडीगढ़ में बने सेंटर पर दो अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी, लेकिन दोनों ही इस परीक्षा देने नहीं पहुंचे.
एक्सपर्ट ने बताई ये वजह
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात केंद्रों पर परीक्षा हुई. इसमें सिर्फ 48 प्रतिशत कैंडिडेट्स ही एग्जाम देने पहुंचे थे. लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों बच्चे नहीं पहुंचे, क्यों एग्जाम देने बच्चे नहीं गए. इसके पीछे भी कई कारण हो सकते हैं. पहला कारण ये हो सकता है कि नीट पेपर लीक को लेकर हो रहे खुलासे छात्रों को परेशान कर रहे हैं. ऐसे में छात्रों का ये मानना हो सकता है कि शायद नीट की परीक्षा को कैंसल कर दिया जाता है. इसपर अभी कोर्ट का फाइनल का फैसला नहीं आया है.
शिक्षाविद अमित कुमार निरंजन की संख्या कम होने के पीछे वजह बताई हैं. एक इंटरव्यू में बताया गया कि दोबारा नीट परीक्षा में लगभग 50 प्रतिशत उम्मीदवारों ही शामिल हुए. स्टूडेंट्स को अब भी भरोसा नहीं है कि छात्रों को इंसाफ मिलेगा या नहीं. बच्चों को यह भी लग रहा होगा कि अगर री-एग्जाम में हम नंबर नहीं लेकर आए तो कहीं सवाल हमारे ऊपर ही खड़े ना हो जाए. या बच्चे ये सोच रहे होंगे, कि दूसरी बार में नबंर और कम न हो जाए.
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Source : News Nation Bureau