Anti-Paper Leak Law: लगातार परीक्षाओं को लेकर हो रहे विवाद और लापरवाही के बीच केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून एक्ट लागू कर दिया है. ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परीक्षा में कोई गड़बड़ न हो. इससे पहले केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों के लिए कोई अलग से कानूनी नहीं था. Anti-Paper Leak Law गैर जमानती बनाया गया है, जिसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी. इस कानून में डीएसपी, एसपी, रैंक का अधिकारी नियम के तहत किसी भी अपराध की जांच कर सकता है. इस कानून में कुल 15 बातों को रखा गया है.
देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू हो गया है. NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच केंद्र ने शुक्रवार-शनिवार (21-22 जून) की आधी रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी. इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल जेल की सजा मिलेगी. इसे ₹10 लाख तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ी में किसी सरकारी अधिकारी के शामिल पाए जाने पर उसे कम से कम तीन साल की सजा मिलेगी. यह 10 साल तक बढ़ सकती है. इसके अलावा ₹1 करोड़ का जुर्माना भी हो सकता है.
इन बातों को रखा गया है अपराध के अंदर
किसी भी परीक्षा के सवाल या आंसर-की लीक करना.
पेपर लीक करने में शामिल होना.
बिना इजाजत के पेपर या ओएमआर शीट अपने पास रखना.
अनधिकृत नेटवर्क या अन्य उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना होगा.
प्रॉक्सी उम्मीदवार बैठाना यानी किसी सॉल्वर को कैंडिटेट की जगह परीक्षा दिलवाना.
फर्जी परीक्षा लेने पर भी ये कानून लागू होगा.
परीक्षा की लिस्ट या रैंक को लेकर नकली डॉक्यूमेंट जारी करना.
अपनी डॉक्यूमेंट के साथ छेड़छाड़ करना.
कॉपियों के मूल्यांकन में बिना इजाजत के छेड़छाड़ करना.
उम्मीदवारों की शीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना.
किसी भी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम में बाधा पैदा करना.
पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानको का उल्लघंन करना.
अधिनियम परीक्षा में किसी भी चीज की गोपनियता को सार्वजनिक करना.
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Source : News Nation Bureau