नई शिक्षा नीति को और मजबूत करने की दिशा में और एक कदम बढ़ाते हुए अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और एआईसीटीई जैसे सभी स्वायत्त निकायों को खत्म कर देश में एक उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा. मेडिकल और लॉ एजुकेशन को छोड़कर अन्य सभी कोर्सेज़ के लिए एक हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया का गठन किया जाएगा. एजेंसी के मुताबिक यह बदलाव 2021 से ही लागू होने शुरू हो जाएंगे.
उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने फिक्की द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीट में कहा, 'आप 2021 में ही कुछ बड़े बदलाव देखेंगे. इसमें सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए एक एंट्रेस टेस्ट, क्रेडिट बैंक का गठन जिसमें छात्र अपना अकादमिक क्रेडिट सुरक्षित रख सकेंगे आदि शामिल हैं.' अगले साल के लिए योजनाबद्ध बदलावों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) जैसे निकायों का विलय किया जाएगा और अगले शैक्षणिक सत्र में, हम भारत के एक हॉयर एजुकेशन कमीशन के सदस्य होंगे.'
उनके मुताबिक देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, एक राष्ट्रीय अनुसंधान कोष का गठन भी किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'सभी विश्वविद्यालय, चाहे वे निजी हों, राज्य हों या केंद्रीय हों, उनके पास कंपटेटिव फंडिंग हो सकती है. यह अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन की तरह है. हमने इसमें कुछ और भी जोड़ा है, सामाजिक विज्ञान भी नेशनल रिसर्च फंड का हिस्सा होगा.'
Source : News Nation Bureau