तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली की निवासी रोहणी ने कमाल कर दिखाया है. विपरीत परिस्थितियों में आदिवासी समुदाय की लड़की ने जेईई को क्रैक कर दिया है. वह अब राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिची में प्रवेश लेने ला जा रही है. रोहिणी का जीवन उन बच्चों की तरह नहीं है, जिन्हें महंगी कोचिंग और तमाम सुविधाएं मिलती हैं, तब जाकर ऐसी परीक्षाएं पास कर पाते हैं. रोहिणी साधारण ग्रामीण परिवेश की है. उसके पास एक छोटा सा पक्का मकान जरूर है, मगर खाना अभी भी वह चूल्हे पर ही पकाती है.
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वह अपने खेते में काम करती है. वह खेत में रोजना निंदाई, बोवनी का काम करती है. इस बीच में वह वक्त निकालकर पढ़ाई भी करती है. छोटे से गांव से निकलकर वह इस मुकाम तक पहुंची है. रोहणी शहरों में सुविधाओं से लैस बच्चों के लिए एक मिसाल है. अभाव में भी लड़की ने इतने बड़ी परीक्षा को निकाला है. बताया जा रहा है कि रोहिणी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान त्रिची में केमिकल ब्रांच लेने जा रही है.
आदिवासी सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती है
रोहिणी ने बताया कि वह एक आदिवासी समुदाय की छात्रा हैं. वह एक आदिवासी सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती है. वह इस साल जेईई परीक्षा में शामिल हुई और 73.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. उन्होंने एनआईटी त्रिची में प्रवेश का मन बनाया है. उन्होंने केमिकल का विकल्प चुना है." इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर तमिलनाडु राज्य सरकार उनकी फीस के भुगतान के लिए सामने आई है. सरकार पूरी फीस का भुगतान करेगी. रोहिणी ने इसके लिए सीएम का आभार व्यक्त किया है. उनका कहना है कि प्रधानाध्यापक और अपने स्कूल के कर्मियों की मदद से वह इस तरह का प्रदर्शन कर सकी हैं.
12 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों में सम्मिलित हुए
आपको बता दें इस बार जेईई मेन परीक्षा में सत्र 1 जेईई मेन 2024 में 1221624 उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया तथा परीक्षा में 1170048 छात्र उपस्थित हुए. JEE Main Session 2 के नतीजे 24 अप्रैल को घोषित कर दिए गए. एजेंसी ने अप्रैल सत्र के लिए पंजीकृत 12 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों में सम्मिलित हुए.
Source : News Nation Bureau