UP constable Recruitment Exam: उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा 2018 में हुई थी, जिसका खुलासा 6 साल बाद हुआ है. यूपी सिपाही परीक्षा में पास होने वाले 4 भर्तियों के खिलाफ एफआईआईर दर्ज की गई है. चारों उम्मीदवारों के खिलाफ भर्ती बोर्ड ने हुसैनगंज थाने में FIR दर्ज कराई है. लेकिन 6 साल बाद इस पर कार्रवाई की गई है. दरअसल, साल 2018 में यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने कांस्टेबल पदों पर कुल 41,520 खाली पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाली थी. जून 2018 में परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें 22 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे. इस बीच यूपी एसटीएफ ने सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाल गिरोह का भंडाफोड़ किया था.
फर्जी फिंगरप्रिंट के जरिए किसी और भेजता था एग्जाम देने
एसटीएफ ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट का वकील सत्येंद्र कुमार सिंह भी शामिल थे. पूछताछ में पता चला कि सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड अनिल गिरि और पटना के धीरेंद्र उर्फ धीरू ने गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ के सामने माना था कि वे उम्मीदवारों के फिंगर प्रिंट लेकर उनका क्लोन फोरेंसिक लैब से बनवाते थे. वहीं क्लोन अंगुठे पर चिपका कर सॉल्वर को उम्मीदवारों के स्थान पर परीक्षा देने के लिए भेजते थे. उन्होंने 70 उम्मीदवारों के नकली बायोमेट्रिक बनवाए थे. इसके लिए वे 7000 रु चार्ज करते थे.
इस परीक्षा वे उम्मीदवार भी पास हो गए जिन्होंने एग्जाम नहीं दिया था, ब्लिक उनके बदले किसी और ने परीक्षा दी थी. जांच के दौरान आवेदन पत्र और प्रवेश पत्र पर लगाई फोटो का मिलान किया तो उन चारों को आयरिस भी मैच नहीं हुए. जांच में ये साफ हो गया कि नीरज, जयदीप, रमेश, ने सॉल्वर की मदद से लिखित परीक्षा पास की थी. नीट परीक्षा में जांच शुरू होने बाद कई खुलासे हो रहे हैं. अभी यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में भी कई खुलासे हो रहे हैं.
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Source : News Nation Bureau