उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission) ने जूनियर असिस्टेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षाएं स्थगित कर दी है. अब ये परीक्षाएं अगले साल 4 और 10 जनवरी को आयोजित की जाएगी. ये परीक्षाएं पहले 24 और 26 दिसंबर को आयोजित होनी थी. लेकिन अब इस परीक्षाओं को स्थगित कर दी गई है.
Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission has postponed its exam for Junior Assistants and Computer Operators scheduled for 24th December and 26th December. The new dates are 4th January and 10th January 2020, respectively.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 22, 2019
सूत्रों के माध्यम से बताया जा रहा है कि ये परीक्षाएं नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते स्थगित की गई है. इस कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. उग्र प्रदर्शन में केवल उत्तर प्रदेश में 16 लोगों की मौत हो गई है. उपद्रवियों ने भारी मात्रा में सरकारी संपत्तियों का नुकसान पहुंचाया गया है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस सबके चलते परीक्षा को स्थगित कर दी गई है.
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वहीं इससे पहले सरकारी नौकरियों में लगातार बढ़ रही धांधलियों के बाद उत्तर प्रदेश सेवा चयन आयोग ने इसे रोकने के लिए अब कड़ा कदम उठाया था. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उम्मीदारों के चयन के लिए होने वाले साक्षात्कार की प्रक्रिया में बदलाव किया. इस नई प्रक्रिया के तहत अभ्यार्थियों से उनका नाम नहीं पूछा जाएगा. साक्षात्कार के दौरान पैनल के पास अभ्यार्थियों का केवल रोलनंबर होगा. इसके साथ ही, साक्षात्कार लिए बनने वाला पैनल भी चंद मिनट पहले ही घोषित किया जाएगा. आयोग की नई व्यवस्था के मुताबिक अभ्यार्थियों का साक्षात्कार उनके रोलनंबर के आधार पर होगा. साक्षात्कार पैनल के पास अभ्यार्थियों का नाम नहीं होगा.
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वहीं पैनल का गठन भी साक्षात्कार से कुछ घंटे पहले ही किया जाएगा. जिसमें एक बोर्ड सदस्य के साथ दो विशेषज्ञ होंगे. जिसकी घोषणा साक्षात्कार से कुछ समय पहले ही की जाएगी. इससे यह होगा कि पैनल को अभ्यार्थी का नाम नहीं पता होगा, तो वह उसे मनचाहे नंबर नहीं दे पाएगा. साथ ही अभ्यार्थी को भी पैनल का पता नहीं होगा, तो वह साक्षात्कार से पहले उनसे कोई जुगाड़ नहीं कर पाएगा. आयोग के अध्यक्ष सदस्यों की मौजूदगी में उनसे राय के बाद ही विशेषज्ञों का चयन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश चयन आयोग के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि सरकारी नौकरियों में हो रही धांधलियों में कमी आएगी.
Source : News Nation Bureau