दस बिंदुओं में जानिए क्या है स्वामीनाथन कमीशन रिपोर्ट

2004 में केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स का गठन किया था. इस आयोग ने पांच रिपोर्टें सौंपी थी.  आखिरी और पांचवीं रिपोर्ट 4 अक्तूबर, 2006 में सौंपी गयी.

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Avinash Prabhakar
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Farmers in field( Photo Credit : File)

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2004 में केंद्र सरकार ने एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स का गठन किया था. इस आयोग ने पांच रिपोर्टें सौंपी थी.  आखिरी और पांचवीं रिपोर्ट 4 अक्तूबर, 2006 में सौंपी गयी. लेकिन इस रिपोर्ट में जो सिफारिशें हैं उन्हें अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है.

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिश : 

  • कृषि को राज्यों की सूची के बजाय समवर्ती सूची में शामिल करने की है. जिससे केंद्र व राज्य दोनों किसानों की मदद के लिए आगे आएं और समन्वय बनाया जा सके.
  • वैसे यह सिफारिश आज भी लंबित है. 
  • फ़सल उत्पादन क़ीमत से 50% ज़्यादा दाम किसानों को मिले.
  • किसानों को कम दामों में क्वालिटी बीज मुहैया कराए जाएं.
  • गांवों में विलेज नॉलेज सेंटर या ज्ञान चौपाल बनाया जाए.
  • महिला किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मिले.
  • किसानों को प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में मदद मिले.
  • सरप्लस और इस्तेमाल नहीं हो रही ज़मीन के टुकड़ों का वितरण किया जाए.
  • खेतिहर जमीन और वनभूमि को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए कॉरपोरेट को न दिया जाए.
  • फसल बीमा की सुविधा पूरे देश में हर फसल के लिए मिले.
  • खेती के लिए कर्ज की व्यवस्था हर गरीब और जरूरतमंद तक पहुंचे.
  • सरकारी मदद से किसानों को मिलने वाले कर्ज की ब्याज दर कम करके 4% की जाए.

Source : News Nation Bureau

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