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UPSC परीक्षा में 25 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां हुई सफल

30 मई को सिविल सर्विस 2021-22  के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का रिजल्ट जारी किया गया है. इस बार सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम की खास बात ये है कि 25 प्रतिशत से अधिक महिला उम्मीदवारों को सफलता मिली है.

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Iftekhar Ahmed
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UPSC 2021 22

UPSC परीक्षा में 25 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियां हुई सफल( Photo Credit : File Photo)

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30 मई को सिविल सर्विस 2021-22  के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का रिजल्ट जारी किया गया है. इस बार सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम की खास बात ये है कि 25 प्रतिशत से अधिक महिला उम्मीदवारों को सफलता मिली है. जबकि 2020-21 की सिविल सेवा परीक्षा में करीब 28 प्रतिशत महिलाओं को सफलता मिली थी. इस वर्ष 244 व्यक्ति सामान्य वर्ग, 73 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से, 203 अन्य पिछड़ा वर्ग से, 105 अनुसूचित जाति और 60 अनुसूचित जनजाति से हैं. कुल 685 उम्मीदवारों में 25.83 प्रतिशत उम्मीदवार यानी 177 महिलाएं हैं.

शीर्ष तीन पदों पर लड़कियों ने मारी बाजी
यूपीएससी की इस परीक्षा में श्रुति शर्मा ने टॉप किया है. श्रुति शर्मा ने जामिया मिलिया इस्लामिया स्थित आरसीए में इस परीक्षा की तैयारी की थी. वहीं, इस महत्वपूर्ण परीक्षा में अंकिता अग्रवाल नामक उम्मीदवार ने ऑल इंडिया सेकंड रैंक हासिल की है. तीसरा स्थान कामिनी सिंगला को मिला है. इस साल शीर्ष तीन पदों पर लड़कियों ने बाजी मारी है. यूपीएससी परीक्षा में चौथा स्थान ऐश्वर्य वर्मा और पांचवां स्थान उत्कर्ष द्विवेदी को प्राप्त हुआ है. यूपीएससी टॉपर श्रुति ने दिल्ली विश्वविद्यालय सेंट स्टीफंस कॉलेज और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.

जेएनयू की छात्रा बिना कोचिंग के हुई सफल
शिक्षक बनने का ख्वाब सजाकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंची एक छात्रा आईएएस अधिकारी बनने जा रही है.  जैसमिन नामक 26 वर्षीय यह छात्रा जेएनयू से पीएचडी कर रही हैं. अपनी पढ़ाई के साथ ही जैसमिन ने यूपीएससी जैसी कठिन और महत्वपूर्ण परीक्षा न केवल पास की, बल्कि देश भर में 36 वां स्थान भी हासिल किया. खास बात यह है कि जैसमिन ने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. जैसमिन का कहना है कि उनको शिक्षक बनने की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली थी.

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माता व पिता दोनों ही सरकारी स्कूलों में हैं शिक्षक
जैसमिन ने बताया कि उनके माता व पिता दोनों ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षक हैं. जैसमिन कहा कि वह भी अपने माता पिता की तरह शिक्षक बनना चाहती थी, इसके लिए उन्होंने बाकायदा तैयारी भी की थी. जैसमिन ने पीजीटी परीक्षा में टॉप किया था. जैसमिन के मुताबिक इस दौरान उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे एक आईएएस अधिकारी बनेगी. जैसमिन जेएनयू में पीएचडी अंतिम वर्ष की छात्रा है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से सोशलॉजी में ग्रेजुएशन और जेएनयू से समाजशास्त्र में ही पोस्ट ग्रेजुएशन की है. जैसमिन को पीएचडी के लिए जेआरएफ भी मिली हुई है.

HIGHLIGHTS

  • पिछले वर्ष 28 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हुई थी सफल
  • बिना कोचिंग के जेएनयू की चाछा ने पास की UPSC
  • इस बार शीर्ष तीन पदों पर लड़कियों ने मारी बाजी
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