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हर कोई नहीं लगा सकता अपने कार पर झंड़ा, केवल इन लोगों को ही है परमिशन, पकड़े जानें पर मिल सकती है सजा

अब लोग अपनी गाडियों पर भी तिरंगा लगाकर देश प्रेम दिखाएंगे. बाजारों में तिरंगे झंडों की बिक्री शुरू हो गई है. हालांकि, राष्ट्रीय ध्वज को फहराने और लगाने के कुछ नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है.

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Priya Gupta
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Photo-Social Media

Independent Day 2024: 15 अगस्त में केवल  कुछ ही दिन रह गए हैं. अब सड़कों पर झंडे बिकने शुरू हो गए हैं. वहीं पीएम मोदी ने भी हर घर तिरंगा के अभियान के तहत लोगों ने अपने घर पर तिरंगा लगाना शुरू कर दिया है. अब लोग अपनी गाडियों पर भी तिरंगा लगाकर देश प्रेम दिखाएंगे. बाजारों में तिरंगे झंडों की बिक्री शुरू हो गए है. हालांकि, राष्ट्रीय ध्वज को फहराने और लगाने के कुछ नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. 

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तिरंगा फहराने के नियम को जरूर जान लें

भारत में तिरंगा फहराने से जुड़े नियमों का पालन फ्लैग कोड 2002 के तहत किया जाता है. यह कोड 26 जनवरी 2002 से लागू हुआ था. इससे पहले, तिरंगा फहराने के नियम एम्बलेम्स एंड नेम्स (Prevention of Improper Use) एक्ट, 1950 और प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के तहत आते थे. 

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कार पर तिरंगा लगाने के नियम

यदि आप अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाना चाहते हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि सभी लोग ऐसा नहीं कर सकते. फ्लैग कोड के अनुसार, कुछ स्पेशल लोगों को ही गाड़ी पर तिरंगा लगाने की परमिशन है.

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1. राष्ट्रपति

2. उप-राष्ट्रपति

3. राज्यपाल और उप-राज्यपाल

4. विदेशी दूतावासों के अध्यक्ष

5. प्रधानमंत्री

6. कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री

7. मुख्यमंत्री

8. लोकसभा अध्यक्ष

9. राज्यसभा के उप-सभापति

10. राज्य विधान परिषदों के सभापति

11. विधानसभा के अध्यक्ष

झंडा लगाने की विधि

गाड़ी पर तिरंगा दाईं ओर लगाना चाहिए. यदि किसी गणमान्य व्यक्ति के साथ दूसरे देश का गणमान्य व्यक्ति भी यात्रा कर रहा है, तो इस स्थिति में भारत का झंडा दाईं ओर और दूसरे देश का झंडा बाईं ओर लगाया जाना चाहिए.

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तिरंगे के निर्माण और समय सीमा

पारंपरिक नियमों के अनुसार, तिरंगा हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, सूती या रेशमी खादी से बनाना अनिवार्य था, लेकिन अब इसकी जगह पर मशीन से बने तिरंगे भी स्वीकार्य किए जाते हैं, जो सूती, ऊन, रेशमी खादी या पॉलिएस्टर से बन सकते हैं. इसके अलावा, पहले तिरंगा केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता था, लेकिन अब इसे रात में भी फहराने की अनुमति दी गई है.

हर भारतीय को तिरंगा फहराने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसे सम्मान और नियमों के अनुसार करना चाहिए. तिरंगा हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है, इसलिए इसे सही तरीके से फहराना और उसका सम्मान करना आवश्यक है. स्वतंत्रता दिवस जैसे खास अवसर पर तिरंगे को सही तरीके से फहराकर हम अपने राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान को बनाए रख सकते हैं.

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