World Most Toghtest Exam: भारत में UPSC और JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं को बेहद मुश्किल माना जाता है. इन परीक्षाओं की कठिनाई के कारण छात्रों को कड़ी मेहनत और लंबी तैयारी करनी पड़ती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन की गाओकाओ परीक्षा (NCEE) इनसे भी कहीं ज्यादा मुश्किल है. चीन की इस कॉलेज प्रवेश परीक्षा का चयन प्रतिशत 1% से भी कम है, और इसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा के रूप में जाना जाता है.लेकिन इस परीक्षा में ऐसा क्या है क्यों इसे मुश्किल कहा जाता है, चलिए जानते हैं.
गाओकाओ (NCEE) परीक्षा क्या है?
गाओकाओ, जिसे चीनी राष्ट्रीय कॉलेज प्रवेश परीक्षा (National College Entrance Examination-NCEE) भी कहा जाता है, चीन में हायर एजुकेशन में एडमिशन पाने के लिए एक जरूरी परीक्षा होती है. यह परीक्षा विद्यार्थियों से उनकी पूरी 12वीं की पढ़ाई के अलावा कुछ एक्स्ट्रा विषयों को भी कवर करती है.कुल मिलाकर, गाओकाओ में विद्यार्थियों को 9 घंटे तक लगातार परीक्षा देनी होती है, जो आम तौर पर 2 से 3 दिनों के बीच आयोजित होती है.
इस परीक्षा में लगभग 13 मिलियन (1.3 करोड़) छात्र भाग लेते हैं, जबकि कॉलेज में दाखिले के लिए कुल 50,000 से 60,000 सीटें होती हैं. इसका मतलब है कि हर एक सीट के लिए लगभग 260 छात्रों का मुकाबला होता है. इस परीक्षा में सफलता दर केवल 0.003% से 0.004% के बीच होती है, जो इसे एक मुश्किल और चैलेजिंग बना देती है.
इन विषयों में होती है परीक्षा
चीनी भाषा
गणित
एक विदेशी भाषा (आमतौर पर अंग्रेजी)
विज्ञान (जो कुछ ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ होता है, जैसे कि फिजिक्स केमेस्ट्री, बायोलॉजी आदि)
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