मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी (NEET) और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE) मेन्स के लिये 14 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं. इस बीच विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श किया और परीक्षाएं टलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) जाने का फैसला किया. पिछले कुछ महीने से यह मुद्दा छाया रहा है. कई लोग परीक्षाएं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं वहीं विपक्ष और कार्यकर्ता कोविड-19 (COVID-19) महामारी के मद्देनजर इसे टालने की मांग कर रहे हैं.
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सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा बुलायी गयी बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई. पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका करने की जरूरत पर सहमति जतायी. इंजीनियरिंग के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है.
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एनईईटी के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक सितंबर में आयोजित होने वाली जेईई-मेन और एनईईटी के लिए 14 लाख से ज्यादा छात्र प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं. विपक्ष ने जोरदार तरीके से इस मुद्दे को उठाया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी परीक्षाओं को टालने की मांग की है.
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एनईईटी और जेईई की तैयारी कर रहे छात्रों के एक धड़े ने भी परीक्षाओं को टालने की मांग की. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए परिवहन सेवा का अभाव है. परीक्षा टालने के लिए एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गयी है. रात आठ बजकर 20 मिनट तक इस पर 1,08,114 लोग दस्तखत कर चुके हैं. कोविड-19 महामारी के कारण इन प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग बढ़ रही है. हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने जोर दिया है कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही सितंबर में होंगी.
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राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सितंबर में होने जा रही मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (एनईईटी और जेईई) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, प्रत्येक कमरे में कम उम्मीदवारों को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे कदम उठाएगी. जेईई के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई है जबकि एनईईटी अब 2,546 केंद्रों के बजाय 3,843 केंद्रों पर होगी. जेईई कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जबकि एनईईटी पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है.