अब उन इजीनियरिंग कॉलेज को दंडित किया जाएगा जो ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के नए नियमों और मानदंडों के तहत शिक्षकों की सैलरी और छात्र-शिक्षक अनुपात को नहीं मानते।
एआईसीटीईके नए नियमों के मुताबिक जो कॉलेज इन नियमों को नहीं मानेंगे उनकी एडमिशन प्रक्रिया को रोका या छात्रों की संख्या को कम किया जा सकता है।
हाल में हुई बैठक में, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) तकनीकी संस्थानों के नए मानदंडो को मंजूरी दे दी है। एआईसीटीई के तहत करीब 3000 इंजीनियरिंग संस्थान रजिस्टर्ड हैं।
ये फैसला ऐसे समय में आया है जब डीयू, जेएनयू और एएमयू के शिक्षक संस्थानों द्वारा वेतनमान नहीं मानने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये शिक्षक यूजीसी के सातवें वेतन समीक्षा समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
एआईसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जो संस्थान 12 महीने से ज्यादा समय तक वेतनमान या शिक्षक स्टाफ के लिए निर्धारित की गई योग्यता को नहीं मानते और शिक्षक-छात्र के अनुपात को बरकरार नहीं रखते हैं तो वे एडमिशन के निलंबन और सीटों को कम करने समेत दंड दिया जा सकता है।
एआईसीटीई उन तकनीकी संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो शिक्षकों और अन्य स्टाफ को नियमित तौर पर सैलरी नहीं देते हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
Source : News Nation Bureau