ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने फैसला किया है कि जिन इंजीनियरिंग कॉलेजों में 30 फीसदी से कम एडमिशन हो रहे हैं उन्हें जल्द ही बंद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि देश भर के इंजिनियरिंग कॉलेजों में करीब 27 लाख सीटें खाली रहती हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए एआईसीटीई ने तय किया है कि जिन कॉलेजों में पिछले 5 सालों में 30 पर्सेंट से कम सीटों पर एडमिशन हुए हैं, उन्हें अगले सेशन से बंद किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: शिक्षामित्रों को नही मिलेगी रियायत, नवंबर में देना होगा TET एग्जाम
एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा, 'पिछले कुछ सालों से हम खराब क्वॉलिटी और कम डिमांड की वजह से इंजिनियरिंग इंस्टीट्यूट्स की संख्या घटाने के लिए काम कर रहे हैं।'
सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि देश में 10,361 इंजिनियरिंग कॉलेज हैं, जो एआईसीटीई से अप्रूव्ड हैं। इनमें कुल 3,701,366 सीटें हैं।
उन्होंने कहा कि कई कॉलेजों को बंद करने के साथ ही हम लाइफ स्किल और रियल लाइफ दिक्कतों पर फोकस कर रहे हैं। हमने इंजिनियरिंग कॉलेज बंद करने पर पेनल्टी भी काफी घटा दी है, जिससे संबंधित कॉलेज हिचकिचाएं नहीं।
सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हमने नैशनल स्टूडेंट स्टार्टअप पॉलिसी भी बनाई है, जिससे स्टूडेंट्स देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भागीदार बनें।
यह भी पढ़ें: IIT ने तोड़ा रिकॉर्ड, इस बार 121 सीटें रही खालीं
Source : News Nation Bureau