एक अमेरिकी कंपनी कोरोना वायरस (CoronaVirus Covid-19) के प्रकोप और लॉकडाउन (Corona Lockdown) के इस दौर में भारतीय छात्रों की मदद के लिए आगे आई है. 'कोडेक एकेडमी' नामक यह संस्था ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भारत में छात्रों और खासकर इंजीनियरिंग छात्रों की मदद करेगी. खास बात यह है कि भारतीय छात्रों को दी जाने वाली यह शिक्षा पूरी तरह से निशुल्क है. कोडेक एकेडमी ऑनलाइन प्लेटफार्म छात्रों और इंजीनियरिंग सहित आम लोगों में तकनीकी कौशल को विकसित करने में मदद करेगा. इस अमेरिकी कंपनी के प्रमुख कुणाल आहूजा भारतीय इंजीनियर हैं.
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भारतीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे कुणाल ने कहा, 'कंपनी का मिशन शिक्षार्थियों को आधुनिक कौशल में निपुण बनाने में मदद करना है और उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाने के अवसरों से जोड़ना है. कंपनी ने 170 से अधिक देशों में 4 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों की मदद की है.' उन्होंने कहा, 'इस प्लेटफार्म से छात्र वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और अन्य तकनीकी कौशल को विकसित कर सकते हैं.'
कुणाल ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है, जहां उन्होंने प्रौद्योगिकी और उद्यमिता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और स्टार्टअप के निदेशक थे. कोडेक एकेडमी कंपनी में चीफ ऑफ स्टाफ की जिम्मेदारी संभालने वाले कुणाल दिल्ली में पले-बढ़े और यूके में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इंटर्नशिप करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है.
एमबीए करने से पहले ही कुणाल एक उद्यमी थे और मध्यपूर्व में दो स्टार्टअप पर लगातार काम कर रहे थे, जिसकी कीमत अब लगभग एक अरब डॉलर है. मध्यपूर्व में अपने समय के दौरान, कुणाल ने प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के माध्यम से नौकरियां पैदा करने के लिए एक नेटवर्क विकसित किया, इस क्षेत्र में एक टैक्सी कंपनी की शुरुआत की जो अब 3 लाख से अधिक ड्राइवरों को नियुक्त करती है.
कुणाल ने कहा, 'हम लोगों को आधुनिक कौशल सीखने और बेहतर कैरियर और रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं. भारत में डिजिटलाइजेशन के कारण आज हर कोई किसी ने किसी माध्यम से टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है. देश में हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. ऐसे में उन छात्रों और युवा इंजीनियरों में स्किल डवलप होते देखना चाहते हैं.'