मानव संसाधन विकास मंत्रालय कोई भी निर्णय लेते समय छात्रों के भविष्य के साथ-साथ उनके स्वास्थ को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता देगा. इसके साथ ही मंत्रालय पीएम ई-विद्या, वन नेशन, वन चैनल जैसी पहल प्रभावी तरीके से लागू करेगा, ताकि सभी वर्गो तक इस संकटकाल में शिक्षा पहुंचाई सके. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' (HRD Minister Ramesh Pokharial Nishank) ने कहा, "महामारी के कारण शिक्षण संस्थान बंद रखने पड़े. इसलिए हमने डिजिटल शिक्षा पर फोकस किया और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, नैनोटेक्नोलॉजी, वोकेशनल ट्रेनिंग जैसी चीजों पर ध्यान दिया. इससे आने वाले समय में छात्रों का समग्र विकास होगा."
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मंत्री निशंक ने गुरुवार को एसोचैम द्वारा आयोजित 'कोविड-19 के खतरे को शिक्षा के एक नए मॉडल के रूप में बदलना' विषय पर आयोजित शिक्षा संवाद को संबोधित करते हुए यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस विषम परिस्थिति में जितनी जिम्मेदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रति है, उतनी ही जिम्मेदारी उच्च शिक्षण संस्थानों की समाज के प्रति है और मुझे खुशी है कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों ने इस अभूतपूर्व आपातकाल में अपने सराहनीय अनुसंधानों द्वारा इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है."
निशंक ने कॉर्पोरेट जगत से कहा, "आप आगे बढ़कर इस संकट काल में शिक्षा क्षेत्र का सहयोग करें. शिक्षा क्षेत्र अभी भी पूरी तरह से निवेश के लिए खुला है. कॉर्पोरेट जगत को इस अवसर को भुनाना चाहिए और इसमें निवेश करना चाहिए, ताकि हम देश की शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बना सकें."
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डॉ. निशंक ने डिजिटल इंडिया, वोकल फॉर लोकल, देश में व्याप्त डिजिटल डिवाइड इत्यादि जैसे विषयों पर भी बात की. डिजिटल डिवाइड पर बात करते हुए उन्होंने इस दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया.
उन्होंने कहा, "कोरोना के कारण सामने आई चुनौतियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अवसर में बदला. इस बीच जितने भी निर्णय लिए गए, उसमें लगातार बदलती परिस्थितयों को ध्यान में रखा गया."
Source : IANS