केंद्र सरकार ने चार वर्षीय एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरु करने की तैयारी पूरी कर ली है और इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में बताया कि अध्यापक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने के तुरंत बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम बनाया गया है.
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शिक्षण संस्थाओं से इस कोर्स के संचालन के लिये आवेदन मांगे गए
उन्होंने बताया कि बीए बीएड, बीकॉम बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रमों के लिये अधिसूचना जारी करने के बाद शिक्षण संस्थाओं से इस कोर्स के संचालन के लिये आवेदन भी मांगे गये हैं. जो भी संस्थायें आवेदन करेंगी, वे इसी सत्र से यह पाठ्यक्रम शुरु कर सकेंगी. अध्यापकों के प्रशिक्षण से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में निशंक ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत 2015 तक सभी अध्यापकों को प्रशिक्षित करने का प्रावधान था.
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इस अवधि में लगभग सात लाख अध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया, लेकिन अभी भी अप्रशिक्षित अध्यापकों की संख्या काफी अधिक होने के कारण कानून में संशोधन कर प्रशिक्षण देने की अवधि 31 अक्तूबर 2019 कर दी गयी है. उन्होंने स्पष्ट किया सभी अध्यापकों के लिये प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि देश में शिक्षण प्रशिक्षण के लिये 19,542 संस्थायें कार्यरत हैं, जिनमें 25,826 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और इनमें 15 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.