केंद्र सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों को नियमन करने वाली सर्वोच्च संस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को खत्म कर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) का गठन करने जा रही है।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार यूजीसी अधिनियम 1951 को खत्म करने जा रही है। सरकार का कहना है कि यह उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्यादा स्वायत्ता दिए जाने के लिए किया जा रहा है।
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, 'एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत, यूजीसी अधिनियम को निरस्त करने और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) के गठन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।'
जावड़ेकर ने कहा कि यह ड्राफ्ट सरकार के शिक्षा प्रणाली के समग्र विकास देने और उच्च शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्ता प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, 'नियामक संस्था में सुधार मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस के सिद्धान्त पर आधारित है।'
इसके अलावा जावड़ेकर ने ड्राफ्ट पर सभी शिक्षाविदों और अन्य लोगों से राय भी मांगी है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मेरी सभी शिक्षाविदों, स्टेकहोल्डर और अन्य लोगों से अपील हैं कि 7 जुलाई शाम 5 बजे तक सुझाव और टिप्पणी दें और reformofugc@gmail.com पर मेल करें।'
ड्राफ्ट के मुताबिक, प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग सिर्फ अकादमिक मामलों पर केंद्रित रहेगा और आर्थिक मंजूरी मंत्रालय के दायरे में रहेगा।
मौजूदा नियम के मुताबिक यूजीसी योग्य कॉलेजों को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराता है। यूजीसी का गठन 1953 में किया गया था।
बता दें कि नया अधिनियम संसद के मॉनसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। इससे पहले सरकार तकनीकी शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद और यूजीसी के लिए एकमात्र नियामक बनाने की योजना बना रही थी।
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Source : News Nation Bureau