Advertisment

Covid-19: छात्रों ने विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द नहीं करने के फैसले पर जताई आपत्ति

छात्रों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों की सालाना परीक्षाएं रद्द नहीं करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें परीक्षा का नहीं, बल्कि सामुदायकि स्तर पर संक्रमण फैलने का डर है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Students

छात्रों ने अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द नहीं करने के फैसले पर जताई आपत्त( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

छात्रों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों की सालाना परीक्षाएं रद्द नहीं करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें परीक्षा का नहीं, बल्कि सामुदायकि स्तर पर संक्रमण फैलने का डर है. छात्रों ने ट्विटर समेत सोशल मीडिया मंचों और ऑनलाइन याचिकाओं के माध्यम से आपत्ति जताई और हैशटैग ‘‘स्टूडेंट लाइव्स मैटर’’ (छात्रों का जीवन मायने रखता है) का इस्तेमाल किया. 46,000 से अधिक छात्रों ने एक ऑनलाइन अपील पर हस्ताक्षर किए.

यह भी पढ़ें : बिन परीक्षा डिग्री : हाई कोर्ट ने कहा- विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग को पक्षकार बनाएं

इस याचिका में कहा गया है, ‘‘हम अंतिम वर्ष के छात्र सरकार की जांच किट नहीं हैं. हमें परीक्षाओं का डर नहीं है, बल्कि हमें सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने का भय है. हम परीक्षा केंद्रों में सामाजिक दूरी बनाए रख सकते हैं, लेकिन छात्रावासों में साझा शौचालयों और साझा भोजनालयों का क्या विकल्प है.’’ ‘चेंज डॉट ओआरजी’ पर इसी प्रकार की एक अन्य याचिका पर 75,000 छात्रों ने हस्ताक्षर किए हैं.

दिल्ली विश्वविद्वालय के हंसराज कॉलेज में शिक्षक मिथुराज धुसिया ने ट्वीट किया, ‘‘भारत कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए देशों की सूची में तीसरे नंबर पर है. सितंबर तक चीजें और बिगड़ सकती हैं. इस मुश्किल समय में ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाएं संभव नहीं है. यह दु:ख की बात है कि गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी और डीयू को छात्रों के भले का ध्यान नहीं है.’’

उल्लेखनीय है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित किए जाने के संबंध में सोमवार को घोषणा की. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय ''जब उचित होगा तब'' विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे.

यह भी पढ़ें : स्कूल कोरोना की वजह कक्षा 9वीं और 10वीं का सिलेबस 30% किया गया कम: CBSE

मंत्रालय का यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद आया है जिसमें उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी दी थी.

Source : Bhasha

covid-19 corona-virus coronavirus Universities Final Year Exam HRD Ministry
Advertisment
Advertisment
Advertisment