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शिक्षा के लिए भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के होंगे उपाय

स्टडी इन इंडिया भारत सरकार का एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भारत स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर आकर्षित करना है.

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Nihar Saxena
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Education

2018 में लांच किया गया वृहद शिक्षा कार्यक्रम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) उच्च शिक्षा के लिए भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श कर रहा है. साझेदार संस्थानों के साथ मंत्रालय के स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम की समीक्षा बैठक में, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत भागीदारी करने वाले संस्थानों के मानदंडों को जल्द ही संशोधित किया जाएगा, ताकि आवश्यक बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक गुणवत्ता वाले और अधिक संस्थान इस कार्यक्रमसे जुड़ सकें. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अंतरराष्ट्रीयकरण का समर्थन करने के मामलों में निजी और सार्वजनिक संस्थानों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाएगा.

स्टडी इन इंडिया
स्टडी इन इंडिया भारत सरकार का एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भारत स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर आकर्षित करना है. वर्ष 2018 में शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत चुनिंदा 117 संस्थान भागीदार हैं. इसमें दाखिला योग्यता पर आधारित है और इसे एक साझा पोर्टल के जरिए किया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक 50 से अधिक देशों के लगभग 7500 छात्र भारतीय संस्थानों में आए हैं.

विदेशी छात्रों के अनुकूल माहौल
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए परिसर के भीतर एक अनुकूल वातावरण बनाने के महत्व को भी रेखांकित किया है, जहां उन्हें न केवल गुणवत्ता वाले शैक्षणिक इनपुट मिलें बल्कि वे खुद को सुरक्षित, सहर्ष स्वीकार्य, खुश और परेशानी मुक्त महसूस कर सकें. इस संबंध में,शिक्षा सचिव ने सभी साझेदार संस्थानों से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वस्तरीय छात्रावास स्थापित करने का आह्वान किया. उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय छात्रों का दाखिला लेने वाले प्रत्येक संस्थान में तत्काल अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय स्थापित करने की जरूरत है. इस कार्यालय को संस्थान में ठीक दाखिले के लिए चयनित होने के दिन से लेकर पढ़ाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पड़ने वाली किसी भी जरूरत के लिए सहयोग की एक एकल खिड़की के रूप में काम करना चाहिए.

संवर्धित शैक्षणिक सहयोग
अमित खरे ने कहा कि यही नहीं, मंत्रालय ने संस्थानों से यह भी कहा है कि वे दाखिले के बाद अंतरराष्ट्रीय छात्रों के उन्मुखीकरण के आयोजन पर विचार करें और साथ ही प्राध्यापकों का भी उन्मुखीकरण कर उन्हें पढ़ाने के क्रम में उन संदर्भों का उपयोग करने लिए सचेत करें, जिनसे ये छात्र आसानी से खुद को जोड़ सकें. शिक्षा मंत्रालय क्रेडिट ट्रांसफर मैकेनिज्म के साथ ट्विनिंग, ज्वाइंट एवं ड्यूअल डिग्री के तहत भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के बीच संवर्धित शैक्षणिक सहयोग की संभावना भी तलाश रहा है. यूजीसी ने पहले ही इस संबंध में मसौदा विनियम लाए हैं, जो वर्तमान में परामर्श के लिए रखे गए हैं. ये विनियम छात्र विनिमय के कार्यक्रमों और एक या दो सेमेस्टर वाले छोटे पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देंगे.

इंटर्नशिप सुविधा पर भी विचार
शिक्षा मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सरकार के संबंधित विभाग के साथ इंटर्नशिप करने की अनुमति देने के मुद्दे पर भी गौर करने की योजना बना रहा है. कई साझेदार संस्थानों ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए इंटर्नशिप की अनुमति का न होना भारत में उच्च शिक्षा के किसी भी कार्यक्रम के लिए एक बड़ी खामी है. शिक्षा मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों की चिंताओं से जुड़े अन्य मुद्दों, उदाहरण के लिए वीजा संबंधी मुद्दों, का समाधान करेगा.

HIGHLIGHTS

  • 2018 में शुरू किए गए स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत चुनिंदा 117 संस्थान भागीदार हैं
  • इस कार्यक्रम के तहत अब तक 50 से अधिक देशों के 7500 छात्र भारतीय संस्थानों में आए 
  • सरकार के संबंधित विभाग के साथ इंटर्नशिप करने की अनुमति पर भी हो रहा है विचार
INDIA भारत उच्च शिक्षा higher education Education Ministry Dr Ramesh Pokhriyal Nishank डॉ रमेश पोखरियाल निशंक Foreign Students भारतीय शिक्षा विदशी छात्र
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