दिल्ली में विश्वविद्यालय स्तर के छात्रों के लिए फायर एंड सेफ्टी ऑडिट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया. गुरुवार को शुरू किया गया यह कोर्स, देश में अपनी तरह का पहला कोर्स है. यह कोर्स दिल्ली के गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट स्टडीज के अंतर्गत शुरू किया गया है. आग से सुरक्षा हमारे देश में एक बड़ी चुनौती है. खास तौर पर शहरों में घनी आबादी, जागरूकता की कमी और संकरी गलियों में भवन निर्माण इत्यादि के कारण आग लगने के मामलों में काफी संकट का सामना करना पड़ता है. ऐसी समस्याओं का समाधान ढूंढने में यह कोर्स काफी मददगार साबित हो सकता है.
यह पाठ्यक्रम एक सुरक्षित समाज की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस नई शुरूआत को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली के लिए यह गर्व की बात है कि इस कोर्स से समाज को प्रशिक्षित पेशेवर मिलेंगे और नागरिकों की सुरक्षा बढ़ेगी. भारत के किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किया गया यह पहला पाठ्यक्रम है.' उम्मीद है कि ये कोर्स अपने मकसद में कामयाब होगा. मकसद है कि अब तक आग की घटनाओं से जितने लोगों की जान बचा पाते थे, उससे ज्यादा लोगों की जान बचा पाएं.
सिसोदिया ने कहा, 'इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ने आग के खतरों से बचाव के लिए आवश्यक पाठ्यक्रम बनाने में कड़ी मेहनत की है. इस पाठ्यक्रम से मौजूदा सुरक्षा प्रणाली की कमियों को पूरा करने में मदद मिलेगी. हमें फायर एंड सेफ्टी के रोबोट्स तैयार नहीं करने हैं. एक साल का फायर सेफ्टी एंड ऑडिट डिप्लोमा कोर्स करने वाले ऑडिटर निकलें. उनका इनपुट बहुत महत्वपूर्ण होगा ताकि फायर सेफ्टी को बरकरार रखते हुए हम नुकसान भी रोक पाएं.'
आग और जीवन सुरक्षा की लेखा परीक्षा भी काफी जरूरी है. खासकर अस्पतालों, होटलों, वाणिज्यिक केंद्रों, अकादमिक संस्थानों, आवासीय परिसरों और अधिक आबादी वाले स्थानों में एक मानक प्रक्रिया का पालन कराने में इससे मदद मिलेगी. सिसोदिया ने कहा कि जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, वैसे वैसे फायर सेफ्टी की जरूरत भी पूरी दुनिया में बढ़ रही है. परिस्थितियां हमें नई तैयारियों के लिए बाध्य करती हैं. मुझे खुशी है कि इस दिशा में हमारी यूनिवर्सिटी समाज को नए प्रोफेशनल्स देने के लिए कदम उठा रही है.
सिसोदिया ने कहा कि यह कोर्स निश्चित रूप से आग और जीवन सुरक्षा पर इच्छुक युवाओं और अग्नि पेशेवरों में नया कौशल विकसित करने में मदद करेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा. यह ऑडिट पाठ्यक्रम समाज की सेवा करने में सक्षम बनाएगा. दिल्ली के स्वास्थ्य एवं उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस कोर्स को देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि नए प्रयोग के तौर पर शुरू किए गए इस कोर्स से निकले प्रोफेशनल लोगों को नौकरशाही के दायरे से निकलकर बेहतर करने का अवसर मिलेगा.
Source : IANS/News Nation Bureau