सरकार अब हायर स्टडीज को नई ऊंचाई देने और उसके ग्रोस एनरॉलमेंट रेशो (Gross Enrollment Ratio) को तेजी से बढ़ाने में जुटी हुई है. लेकिन, साथ ही अब उनका ध्यान ऐसे इंस्टिट्यूट की ग्रोथ पर भी है. जहां देश के फ्यूचर को बेहतर ढंग से संवारा जा सके. इसके लिए हर जिले में कम से कम एक ऐसा हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन (Higher Educational Institution) खड़ा करने की तैयारी है, जिसमें रिसर्छ के साथ-साथ सभी सब्जेक्ट्स की पढ़ाई हो सके. फिलहाल साल 2030 तक सभी जिलों में ऐसे कम से कम एक मल्टीडिसिप्लनरी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन (Reforms in Education System) को तैयार करने का गोल बनाया गया है.
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चार साल का BA-Bed का कोर्स
इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई इंस्टिट्यूट सिर्फ BA (Bachelor of art) की पढ़ाई कराता है और कोई सिर्फ Bed (Bachleor of education) का कोर्स संचालित करता है, तो दोनों एक साथ जुड़कर चार साल का BA-Bed का कोर्स शुरू कर सकते हैं. इसी तरह BSc और MBA का पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थान भी BSc-MBA का एक संयुक्त कोर्स संचालित कर सकते हैं.
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UGC ने बनाया रोडमैप
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों पर आगे बढ़ते हुए एजुकेशन मिनिस्ट्री और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (University Grants Commission) ने इसको लेकर एक रोडमैप तैयार किया है. इसका ड्राफ्ट भी जारी किया है. इसके साथ ही सभी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन, एकाडेमिक्स और बच्चों से इस पर राय मांगी है. इसमें अलग-अलग सब्जेक्ट्स की पढ़ाई देने वाले इंस्टिट्यूशन्स को एक साथ जोड़ने के साथ-साथ उनके बीच दोहरे डिग्री कोर्स भी शुरू करने का सुझाव दिया है.
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इंस्टिट्यूशन्स के फ्यूजन का भी प्रस्ताव
इसके अलावा एक ही मैनेंजमेंट से जुडे़ अलग-अलग सब्जेक्ट्स से जुड़े हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन का आपस में विलय करने का भी प्रस्ताव है. गौरतलब है कि मौजूदा टाइम में देश में उच्च शिक्षा का GIR करीब 27 परसेंट है. इसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए सरकार ने साल 2035 तक पचास परसेंट तक पहुंचाने का गोल तय किया है. हायर स्टडीज में 27 परसेंट GIR का मतलब है कि इस आयुवर्ग (18-23) की कुल आबादी का 27 परसेंट बच्चों ने ही हायर स्टडीज के लिए नामांकन कराया है.